करतारपुर कॉरिडोर: करतारपुर गलियारे का शिलान्यास समारोह लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. इस बार चर्चा का कारण शिलान्यास समारोह में खालिस्तान के अलगाववादी नेता की मौजूदगी है. समारोह में न सिर्फ खालिस्तान के अलगाववादी नेता गोपाल सिंह मौजूद था बल्कि उससे पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने गर्मजोशी से हाथ भी मिलाया. पाकिस्तान ने इस विषय पर सफाई दी है. उसने कहा है कि वह एक आमंत्रित सदस्य थे और सिख समुदाय के हर कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित किया जाता है.

एक पाकिस्तानी अधिकारी ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि गोपाल सिंह पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) के एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें सिख समुदाय से संबंधित सभी कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित किया जाता है.

सिंह पीएसजीपीसी के महासचिव हैं और उसे खालिस्तान समर्थक आवाज माना जाता है. उसे पाकिस्तान सेना के प्रमुख के साथ हाथ मिलाते हुए देखा गया. कई अन्य खालिस्तान समर्थक नेता भी कार्यक्रम में मौजूद थे.

आईएसपीआर के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया,‘‘सीओएएस के साथ गोपाल सिंह की बैठक को दिखाकर भारतीय मीडिया संकुचित दृष्टिकोण अपना रहा है. सेना प्रमुख ने समारोह स्थल पर पहचान की परवाह किये बगैर सभी अतिथियों से मुलाकात की थी.’’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को सिख धर्म के इस पवित्र स्थल को जोड़ने के लिए कॉरिडोर का शिलान्यास किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं तथा ‘‘कोई मूर्ख व्यक्ति ही यह सोच सकता है कि कोई परमाणु युद्ध जीत सकता है.’’

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप सिंह पुरी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भारत की तरफ से शामिल हुए थे. चार किमी लंबे इस कॉरिडोर के तहत भारत के गुरुदारपुर को पाकिस्तान के करतारपुर से जोड़ा जाएगा.

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