करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान का नया पैंतरा, पैसे नहीं तो दर्शन नहीं
पाकिस्तान की सरकार ने 20 डॉलर का जजिया टैक्स लगा दिया है. इसे हटाने से साफ इंकार कर दिया है. जो श्रद्धालु पैसे का भुगतान नहीं करेंगे वे मत्था नहीं टेक पाएंगे. इसके साथ ही विशेष पर्वों के अवसर अतिरिक्त लोगों के दर्शन को लेकर भी गोलमोल जवाब दिया है.
नई दिल्ली: अगले महीने करतारपुर कॉरिडोर खोलने योजना है लेकिन इस बीच अब कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान का नया पैंतरा सामने आया है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने कहा कि वह उन्हीं श्रद्धालुओं को मत्था टेकने देगी जो 1500 रुपये का भुगतान करेंगे, बिना पैसे दिए श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाएंगे. यानी पैसे नहीं तो दर्शन नहीं. बता दें कि भारत मुफ्त दर्शन की मांग करता आया है.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर को इसका उद्धाटन करेंगे. कॉरिडोर के खुल जाने के बाद हर रोज 5000 श्रद्धालु दर्शन करेंगे. लैंड पोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन गोविंद मोहन ने कहा कि भारत सरकार 20 अक्टूबर से करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करेगी.
अपने नए पैंतरे के तहत पाकिस्तान ने जजिया टैक्स लगा दिया है. इसे हटाने से उसने साफ तौर पर इनकार कर दिया है. पाकिस्तान ने 20 डॉलर का जजिया टैक्ट लगाया है. विशेष पर्वों के अवसर पर 10000 अतिरिक्त लोगों के दर्शन करने पर भी पाकिस्तान ने गोलमोल जवाब दिया है. इसके अलावा दर्शनार्थियों के साथ भारतीय काउंसलर आने पर भी साफ इंकार दिया है.
कॉरिडोर के जरिए जो भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तानी साइड में जाएंगे उन्हें अपना पासपोर्ट दिखाना के लिए रखना पड़ेगा. इमरान खान की सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह 20 डालर की रकम दिए बिना श्रद्धालुओं को मत्था नहीं टेकने देगी.
करतारपुर कॉरिडोर परियोजना के चरण में तो सड़क के जरिए पाकिस्तान में प्रवेश मिलेगा लेकिन जैसे ही नदी में बाढ़ आएगी यह सड़क डूब जाएगी. पाकिस्तान ने इस जगह पर पुल बनाने की बात कही थी लेकिन बाद में अपनी बात से मुकर गया और उसका कहना है कि वह पुल महीने बाद बनाना शुरू करेगा.
करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ी जानकारी
गुरू नानकदेवजी की 550वीं जयंती पर करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने की घोषणा सिख श्रद्धालुओं के लिए बड़ी अहम है. कॉरिडोर खोले जाने से वह बिना किसी रुकावट और बिना किसी वीजा के गुरुद्वारे में जा सकेंगे. इस कॉरिडोर को खोलने को लेकर काफी लंबे अर्से से मांग उठ रही थी. करतारपुर साहिब की स्थापना 1522 में गुरु नानक देव ने की थी. इस जगह की अहमियत सिखों में इसलिए है क्योंकि यह नानक साहिब का निवास स्थान है. सिखों के प्रथम गुरू नानक देवजी का निवास स्थान होने की वजह से यह स्थान सिखों के लिए सबसे पावन स्थानों में से एक है.