नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि करतारपुर गलियारा भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच एक सेतु का काम करेगा. सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने विभाजन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘1947 में जो हुआ सो हुआ. दोनों देशों की सरकारों और सेनाओं के बीच मुद्दे बने रहेंगे और सिर्फ समय ही हमें इससे बाहर निकलने का मार्ग दिखायेगा.’’


मोदी ने कहा, ‘‘क्या कभी किसी ने सोचा था कि बर्लिन की दीवार गिरेगी. हो सकता है गुरु नानक देवजी के आशीर्वाद से यह करतारपुर गलियारा महज एक गलियारा नहीं रह जायेगा बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच एक सेतु का काम करेगा.’’





मोदी, गुरु नानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. कार्यक्रम में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष एवं पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने उन्हें ‘सिरोपा’ भेंट किया और ‘पगड़ी’ पहनाकर सम्मानित किया.


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प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया, ‘‘गुरू नानक देवजी की जयंती के पावन मौके पर आज मेरी सहयोगी हरसिमरत बादल जी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया.’’ समारोह की तस्वीरों को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कीर्तन पर हम सबने गुरु नानक देव के महान विचारों और संदेशों को याद किया.


आपको बता दें कि मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को करतारपुर कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया था. पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक श्रद्धालुओं को जाने में सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से इस कॉरिडोर का निर्माण पंजाब में गुरुदासपुर से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक किया जाएगा. करतारपुर साहिब पाकिस्तान में स्थित वह जगह है, जहां 1539 में गुरु नानक जी के निधन के बाद पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था.