नई दिल्ली: यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज द्रमुक संरक्षक एम. करूणानिधि के निधन को ‘‘व्यक्तिगत क्षति’’ बताते हुए कहा कि वह उनके लिए ‘‘पिता तुल्य’’ थे और देश को उनकी प्रबुद्ध राजनीति की कमी खलेगी. करूणानिधि के बेटे और द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन को लिखे पत्र में सोनिया गांधी ने कहा कि ‘कलैनार’ विश्व की राजनीति और तमिलनाडु और देश में जनसेवा के क्षेत्र में विशाल व्यक्तित्व थे.
सोनिया गांधी ने लिखा, ‘‘मेरे लिए कलैनार का जाना व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने मेरे प्रति हमेशा दयालुता और समझ दिखाई जिसे मैं कभी नहीं भूल सकती. वह मेरे लिए पिता तुल्य थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें कलैनार की तरह का व्यक्ति फिर नहीं दिखेगा और उनकी प्रबुद्ध राजनीति की देश को कमी खलेगी. साथ ही देश और हमारे लोगों के लिए उनकी प्रतिबद्धता की कमी भी खलेगी.’’
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि करूणानिधि प्रतिभाशाली साहित्यिक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने तमिलनाडु की समृद्ध और विविध संस्कृति एवं कला को बढ़ावा दिया तथा इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाई. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘तमिलनाडु की सरकार और राजनीति में दशकों तक उनकी उपस्थिति ने शानदार छाप छोड़ी जिसके लिए हमेशा उनका सम्मान किया जाएगा और उन्हें याद किया जाएगा. मेरा मानना है कि उन्हें पूरा विश्वास था कि आप उनकी विरासत को और आगे बढ़ाएंगे.’’
सोनिया ने कहा, ‘‘अपने लंबे और शानदार जीवन में तमिलनाडु के विकास, प्रगति और समृद्धि के लिए वह सामाजिक न्याय और समानता के पक्षधर रहे.’’ उनके पूरे परिवार के साथ दुख साझा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि करूणानिधि ने लंबी और शानदार जिंदगी जी और अब दुख से मुक्त हो गए हैं. उन्होंने अपने पिता की अच्छी देखभाल के लिए स्टालिन की भी प्रशंसा की. करूणानिधि का कल लंबी बीमारी के बाद 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था.
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