Kasba Peth By Election Results 2023: साल 2023 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत का दम भर रही बीजेपी के लिए उपचुनाव के नतीजे मायूसी भरे रहे. पश्चिम बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र से भी बीजेपी के लिए बुरी खबर सामने आई है जिसमें वो पुणे का कस्बा पेठ विधानसभा उपचुनाव हार गई है. ये सीट भी कांग्रेस के खाते में गई है. ये वो सीट थी जिस पर बीजेपी साल 1995 से कब्जा जमाए बैठी थी. यहां से कांग्रेस रवींद्र धंगेकर ने बीजेपी के हेमंत रसाने को 11 हजार से भी ज्यादा वोटों से हरा दिया.
हार जीत अंतर बहुत ज्यादा रहा है, जो बीजेपी के लिए ये एक सेटबैक है तो वहीं, कांग्रेस के लिए खुशी की बात है. इस मामले पर महाविकास अघाड़ी का रिएक्शन भी आया है. एमवीए ने इसे साल 2024 में होने वाले लोकसभा में परिवर्तन का इशारा बताया है. यहां खास बात ये भी है कि कुछ दिनों पहले आए एग्जिट के नतीजों में भी बीजेपी को झटका दिखाया गया था. आइए जानते हैं, इन सभी पहलुओं को.
क्या कहना है एमवीए का?
कस्बा पेठ से जीत से गदगद एमवीएम में खुशी की लहर है. महाराष्ट्र में कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है, “मैं हमारा उम्मीदवार चुनने के लिए कस्बा पेठ की जनता का आभार व्यक्त करता हूं. महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है और बीजेपी राज्य के सिद्धांतों को खत्म करने की कोशिश में लगी हुई है.”
विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, “रविंद्र धंगेकर कांग्रेस के एक उपयुक्त उम्मीदवार थे. एमवीए ने उनकी उम्मीदवारी के साथ आधी लड़ाई तो जीत ही ली थी. वह जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं जिन्हें स्कूटर पर सफर करना और लोगों के लिए काम करना पसंद है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन कस्बा पेठ उपचुनाव के नतीजों ने कुछ और ही संदेश दिया है.”
शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) सांसद का कहना है, “यह 2024 में बदलाव का संकेत है. बीजेपी और दिल्ली में उनके नेतृत्व को पता चल गया होगा कि असली शिवसेना कौन है. अब से बीजेपी के सभी गढ़ ध्वस्त होने जा रहे हैं.”
कस्बा पेठ उपचुनाव के एग्जिट पोल में क्या?
पुणे के कस्बा पेठ चुनाव को सभी राजनीतिक दलों ने बहुत ही प्रतिष्ठित बना दिया था. इतना ही नहीं मतदान वाले दिन भी कई जगहों पर गहमागहमी देखी गई. यहां महाविकास अघाड़ी के रवींद्र धंगेकर और बीजेपी से हेमंत रासने के बीच सीधा मुकाबला था. रिंगसाइड रिसर्च एंड स्ट्रेलिमा इंस्टीट्यूट ने एग्जिट पोल जारी किए थे जिसमें इस सीट पर बीजेपी की हार का अनुमान लगाया गया था. एग्जिट पोल में 15 हजार वोटों से बीजेपी की हार की आशंका व्यक्त की गई थी.
लोकसभा चुनाव को लेकर सर्वे में क्या?
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद ये देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन जाता है. साल 2019 में बीजेपी ने 48 सीटों में 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी. उस समय शिवसेना में भी कोई फूट नहीं थी और उद्धव ठाकरे में इसकी कमान थी. साल 2022 में शिवसेना दो धड़ों में बंट गई. एक हिस्सा उद्धव के तो दूसरा हिस्सा एकनाथ शिंदे के हाथ में है. उद्धव वाला हिस्सा महाविकास अघाड़ी के साथ है और एकनाथ वाला एनडीए के साथ.
इंडिया टुडे और सी-वोटर के मूड ऑफ द नेशन के हालिया सर्वे में बीजेपी को नुकसान दिखाया गया है. इस सर्वे के मुताबिक राज्य में यूपीए को 34 सीटें मिलती दिख रही हैं. जो साल 2019 में 5 सीटें आईं थी. इसमें एनसीपी को 4 सीट और कांग्रेस को 1 सीट मिली थी. पिछली बार कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, तो वहीं इस बार के चुनाव में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना भी शामिल होगी. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि राज्य की जनता किस तरफ रुख करेगी लेकिन इस उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी के लिए चिंता तो बढ़ा ही दी है.