यूपी: यूपी के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा के तीसरे दिन माहौल थोड़ा सा शांत रहा. लेकिन हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी ने प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल उठाया है. समाजवादी पार्टी ने यहां तक कहा कि यह बीजेपी की साजिश है. अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार की नीति है कि लोग भय में रहे, अगर जनता भय में रहेगी तो उनकी ज्यादा सुनेगी. हालांकि सरकार का कहना है कि उपद्रवियों से शख्ती से निपटा जा रहा है और इसमें शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि हालात बिगड़ने के बाद कर्फ्यू क्यों नहीं लगाया गया. पहले दिन की हिंसा के बाद ही प्रशासन को सतर्क हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नही हुआ और उपद्रवियों को ढील दी गई. वहीं आजम खान ने कहा, बीजेपी नोटबंदी और जीएसटी का जवाब देने के बजाय दंगा करा रही है. कासगंज में जो कुछ भी हुआ है वो बीजेपी के एजेंडे का काम हो रहा है. दूसरी तरफ सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि बीजेपी का नाम खराब करने की यह कांग्रेस की साजिश है.
हालांकि इतनी बड़ी हिंसा के बाद भी सीएम योगी आदित्यनाथ खामोश हैं. इलाहाबाद में एक कार्यक्रम में पहुंचे योगी ने हिंसा पर कुछ भी नहीं बोला.
क्या है पूरा मामला?
कासगंज में शुक्रवार को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली. आरोप है कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया जिसके बाद हिंसा भड़क गई. हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई.
कासगंज के जिलाधिकारी आर पी सिंह ने बताया कि तिरंगा यात्रा की कोई परमीशन नहीं ली गयी थी. रविवार की सुबह भी आगजमी की घटना सामने आई है. उपद्रवियों ने कासगंज की एक दुकान में आग लगाई है. दूसरी तलाशी के दौरान पुलिस को एक घर से देशी बम और हथियार मिले हैं. हालांकि, यूपी के नए डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि बीते 10 घंटे से कोई हिंसा नहीं हुई है.