अलीगढ़: पश्चिमी यूपी का कासगंज शहर इस समय सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल रहा है. इस बीच खबर आई है कि तिरंगा यात्रा के दौरान हुई साम्प्रदायिक हिंसा में गम्भीर रूप से घायल हुए एक व्यक्ति की आंख को नहीं बचाया जा सका. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एहतेशाम ने बताया कि शुक्रवार की रात को अलीगढ़ से लखीमपुर खीरी जाने के दौरान हिंसा का शिकार हुए 31 वर्षीय मोहम्मद अकरम की आंख में गम्भीर चोटें लगी थीं. डाक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसकी आंख नहीं बचायी जा सकी.


डॉक्टर ने बताया कि अकरम अब खतरे से बाहर है और उसकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है. एहतेशाम ने बताया कि कासगंज हिंसा के दौरान पैर पर गोली लगने से घायल हुए नौशाद नाम के युवक का भी जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. वह भी खतरे से बाहर है.


क्या है पूरा मामला?


कासगंज में शुक्रवार को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली. आरोप है कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया जिसके बाद हिंसा भड़क गई. हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई.


कासगंज के जिलाधिकारी आर पी सिंह ने बताया कि तिरंगा यात्रा की कोई परमीशन नहीं ली गयी थी. रविवार की सुबह भी आगजमी की घटना सामने आई है. उपद्रवियों ने कासगंज की एक दुकान में आग लगाई है. दूसरी तलाशी के दौरान पुलिस को एक घर से देशी बम और हथियार मिले हैं. हालांकि, यूपी के नए डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि बीते 10 घंटे से कोई हिंसा नहीं हुई है.