नई दिल्ली: वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली तीसरी प्राइवेट ट्रेन काशी महाकाल एक्प्रेस का आधिकारिक सफर आज से शुरू हो रहा है. तीन शिव ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 16 फरवरी को हरी झंडी दिखाई थी. वहीं सफर के पहले ही दिन ट्रेन की कुल 648 सीटों में से 612 सीटें 19 तारीख की शाम तक बुक हो गई थीं.


काशी महाकाल एक्सप्रेस महाशिवरात्रि के दिन 20 फरवरी को वाराणसी से दोपहर 2. 45 पर रवाना होगी और 21 फरवरी को सुबह 9.40 बजे इंदौर पहुंचेगी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, काशी महाकाल एक्सप्रेस के प्रति जनता में काफी उत्साह देखा जा रहा है. उनका मानना है कि ट्रेन के शुरू होने के बाद बुकिंग में और बढ़ोतरी होगी.





काशी महाकाल की स्पीड 110-130 किलीमीटर प्रति घंटा 


वाराणसी के कैंट स्टेशन से खुलने के बाद काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. यह ट्रेन उज्जैन, संत हिरदाराम नगर, बीना, झांसी, कानपुर और प्रयागराज स्टेशनों पर रूकेगी. ट्रेन का किराया तेजस ट्रेनों की ही तरह डायनिमिक होगा.


 प्रति व्यक्ति किराया
आईआरसीटीसी के अनुसार, वाराणसी से इंदौर तक का किराया प्रति व्यक्ति 1951 रुपये है. साथ ही 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलेगा. ट्रेन में यात्रियों को केवल शाकाहारी खाना ही परोसा जाएगा. बता दें कि यह ट्रेन काशी विश्वनाथ (वाराणसी) को ओंकारेश्वर (इंदौर के पास) और महाकालेश्वर (उज्जैन) से जोड़ेगी.


हालांकि ट्रेन में भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित करने को लेकर काफी विवाद हुआ था, जिस पर आईआरसीटीसी ने अपनी सफाई में कहा था कि यह केवल एक बार के लिए है. ट्रेन की उद्घाटन में भगवान शिव की पूजा के करने लिए एक सीट आरक्षित की गई.


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