Kashi Vishwanath Corridor: 2000 मजदूर, 400 इमारतों का अधिग्रहण और 339 करोड़ रुपये, ऐसे बनकर तैयार हुआ PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
Kashi Vishwanath Corridor Inauguration: आज पीएम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने वाले हैं. दोपहर 12 बजे पीएम काल भैरव के दर्शन करेंगे. दोपहर एक बजे काशी विश्वनाथ मंदिर जाने का कार्यक्रम है.
Kashi Vishwanath Temple Corridor: आज पीएम मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने वाले हैं. दोपहर 12 बजे पीएम मोदी काल भैरव के दर्शन करेंगे. इसके बाद दोपहर एक बजे काशी विश्वनाथ मंदिर जाने का कार्यक्रम है. पीएम मोदी क्रूज के जरिए धाम पहुंचेंगे. पीएम मोदी ललिता घाट से कमंडल में गंगा जल लेंगे.
इसके बाद मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटा बिताएंगे. मोदी इस कॉरिडोर को तैयार करने वाले 100 मजदूरों के साथ भोजन करेंगे. शाम को क्रूज पर सवार होकर आरती देखेंगे. आरती के समय पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी के साथ 11 राज्यों के वो मुख्यमंत्री भी होंगे, जो काशी पहुंच रहे हैं. लेकिन काशी हमेशा से ऐसी नहीं थी, जैसी आज आप तस्वीरों में देख रहे हैं.
प्रधानमंत्री जब पहली बार काशी आए थे तो उनका मन मंदिर और आसपास की हालत देख काफी दुखी हुआ था. उन्हें तभी लगा कि काशी में बाबा विश्वनाथ के लिए कुछ करना चाहिए. अब उनका सपना पूरा हो रहा है. काशी विश्वनाथ पर पीएम मोदी ने कहा था, 'शायद प्रभु की मर्ज़ी थी, उनका आदेश था कि जा बेटा तू इस स्थल का जीर्णोद्धार कर'.
आर्किटेक्ट बिमल पटेल से ये बोले थे पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कॉरिडोर के आर्किटेक्ट बिमल पटेल से कहा था कि ऐसा सुंदर और बढ़िया कॉरिडोर बनाओ, जिससे गंगा से मंदिर जुड़ जाएं, लोग गंगा स्नान करें या जल लेकर सीधे मंदिर जाएं, कोई रुकावट ना हो. एक ऐसा रास्ता बनाओ जिससे जाकर तीर्थयात्रियों का मन प्रफुल्लित हो जाए. पीएम खुद मास्टर प्लान का रिव्यू करते रहे. 3 D एनिमेशन देखे, मैप देखा. पीएम मोदी ने आर्किटेक्ट को निर्देश भी दिया था कि घाट एरिया या दिव्यांगों के लिए सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाए.
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कम नहीं थीं चुनौतियां
टोपोग्राफी और डेमोग्राफी के चलते बहुत मुश्किल काम था, एक-एक इंच कंक्रीट से भरा था. अनिवार्य भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया क्योंकि विवाद बढ़ता और समय लगता, लोग कोर्ट जाते, लेकिन आज एक भी मामला कोर्ट में नहीं है. पारस्परिक समझौते का उचित ,न्यायोचित और पारदर्शी तरीका बनाया गया और उसके आधार पर ही ज़मीन अधिग्रहण किया गया. कई सारी संपत्ति तो ऐसी थीं, जिसके कई स्वामी थे, वो अलग-अलग जगहों पर भी रहते थे उनमें कुछ विदेश में भी थे. सबको एक साथ एक बोर्ड पर लाना मुश्किल काम था. लेकिन इन सब चुनौतियों के बावजूद आज काशी जगमगा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जिस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे, उससे जुड़ी कुछ जानकारियां आपके सामने रखते हैं:
- इसे बनाने में पहले चरण में 339 करोड़ रुपए की लागत आई है.
- हर रोज करीब 2000 मजदूरों ने काम किया है.
- कॉरिडोर का ये पूरा इलाका करीब 5 लाख वर्गफीट में फैला है.
- इस कॉरिडोर को बनाने के लिए करीब 400 इमारतों का अधिग्रहण किया गया है.
- पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को तैयार करने में 2 साल नौ महीने का वक्त लगा है.
काशी विश्वनाथ धाम पर एक नजर
लागत 339 करोड़ (पहला चरण)
मजदूर 2000 (हर रोज)
इलाका 5 लाख वर्गफीट
अधिग्रहण 400 इमारतें
समय 2 साल 9 महीने