एक्सप्लोरर

कश्मीर: 155 साल बाद डल झील में तैरेगी 'शिकारा एंबुलेंस', इमरजेंसी हालात में मरीज़ों को मिलेगी राहत

तारिक अहमद ने अपने परिवार से मिलकर डल झील में एक मोबाइल शिकारा एम्बुलेंस सेवा शुरू करने का फैसला किया और करीब दो महीने की कड़ी मेहनत और 12 लाख रुपये खर्च कर एक मोबाइल एम्बुलेंस तैयार कर ली.

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए डल झील एक बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र है, लेकिन यह झील न सिर्फ शिकारे और हाउसबोट का घर है, बल्कि ये सैंकड़ों की संख्या में स्थानीय निवासियों का भी आवास है, जिनके लिए जीवन की हर ज़रूरत इसी झील से पूरी होती है या झील के पानी पर तैर कर आती है.

लेकिन परेशानी तब आती है जब रात के अंधेरे में कोई बीमार होता है या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी का सामना करना पड़ता है. झील निवासियों को बड़ी मुश्किल से अपने मरीज़ को शिकारे के सहारे किनारे तक लाना पड़ता है. ऐसा ही कुछ देखना पड़ा 45 साल के तारिक अहमद पतलू को.

तारिक कुछ महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए तो वह कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अपने हाउसबोट में आइसोलेशन में चले गए, लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो अस्पताल का रुख करना पड़ा और अस्पताल से वापस लौटा तो, डल झील के किनारे हर किसी शिकारे वाले ने उसको ले जाने से इनकार कर दिया. बड़ी मुश्किल से परिवार उसे घर ला सका. यहीं पर तारिक के मन में विचार आया कि आखिर झील में रहने वालों के लिए स्वास्थ्य सेवा के नाम पर क्या है?

तारिक ने अपने परिवार से मिलकर डल झील में एक मोबाइल शिकारा एम्बुलेंस सेवा शुरू करने का फैसला किया और करीब दो महीने की कड़ी मेहनत और 12 लाख रुपये खर्च कर एक मोबाइल एम्बुलेंस तैयार कर ली.

इस एंबुलेंस को पारंपरिक शिकारे से दोगुना बड़ा बनाया गया, जिससे इसमें इमरजेंसी मेडिकल यंत्र लगाये जा सके और इसके साथ-साथ डॉक्टर और पैरामेडिक भी लोगों को झील के अंदर ही प्राथमिक उपचार दे सके. बोट में मोटर भी लगाई गई है, जिससे यह तेज़ी से झील में कहीं भी आ जा सके और एम्बुलेंस सेवा तक पहुंचने के लिए मोबाइल हेल्पलाइन का भी इंतेज़ाम किया गया है.

हालांकि बोट एंबुलेंस सेवा कि औपचारिक शुरुआत अगले हफ्ते होगी, जब इसमें सभी ज़रूरी मेडिकल सामान, जैसे ECG, ऑक्सीजन सिस्टम लग जाएंगे. लेकिन तारिक इसमें सरकार और अन्य NGO की मदद चाहते हैं.

तारिक कहते हैं, "में खुद बाकी सब काम करने के लिए तयार हूं, मैं बोट भी खुद चला लूंगा, हेल्पलाइन भी खुद देख लूंगा, लेकिन डॉक्टर और पैरामेडिक नहीं बन सकता. इसीलिए मैं सरकार से इसमें मदद चाहता हूं."

तारिक का नाम झील में रहने वालों के लिए नया नहीं है. तारिक आठ साल की जन्नत के पिता हैं जो डल झील की सफाई पिछले कई सालों से करती आई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उसका ज़िक्र अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में किया था.

जन्नत भी अपने पिता के शुरू किये गए नए मिशन में अपना योगदान देने को तयार है, लेकिन इस बात से खफा भी है कि उनके पिता अब जन्नत का झील की सफाई के मिशन में साथ नहीं देंगे. इसीलिए जन्नत का कहना है कि उसका खुद का मिशन झील की सफाई करना ही रहेगा ताकि ना ही झील में प्रदूषण हो और ना ही कोई बीमार पड़े और ना ही किसी को इस एम्बुलेंस की ज़रूरत हो. जन्नत कहती हैं, "फिर में इस बोट में भी झील की सफाई करूंगी."

लेकिन जन्नत के पिता तारिक के अनुसार झील और कश्मीर के अन्य वाटर बॉडीज में रहने वालों को सरकार केवल बिजली और पानी देकर भूल चुकी है. 1865 में झेलम में मरीजों को ले जाने के लिए एक बोट का इन्तेज़ाम हुआ करता था, लेकिन उसके बाद से किसी भी सरकार को ऐसी सविधा देने का खयाल तक नहीं आया.

आज तारिक का बनाया बोट एम्बुलेंस डल झील में रहने वाले आठ हज़ार से जायदा लोगों के लिए जीवन देने वाला एक शिकारा बन जाएगा, जो मुश्किल हालात में इन लोगों की मदद करेगा.

ये भी पढ़ें: केंद्र और किसान संगठनों का गतिरोध दूर करने के लिए कमिटी बनाएगा SC, आंदोलनकारियों के साथ दूसरे संगठन भी होंगे शामिल  ममता बनर्जी पर AIMIM चीफ का पटलवार, कहा- ऐसा कोई पैदा नहीं हुआ जो असदुद्दीन ओवैसी को खरीद सके 
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget