Autumn in Kashmir: कश्मीर में आजकल मौसम एक अलग ही अंदाज में देश भर से आए पर्यटकों को लुभा रहा है. चारों ओर लाल रंग के चिनार के पत्ते एक अलग ही फिजा का एहसास दिला रहे हैं. पतझड़ का यह मौसम न सिर्फ कश्मीर की सुंदरता में रंग बिखेर रहा है, बल्कि यहां आए पर्यटकों का मन भी मोह ले रहा है. कश्मीर अपनी सुंदरता और बदलते मौसम के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है और हर मौसम में इसका एक अलग ही मजा है. यही वजह है कि देश-विदेश से पर्यटक कश्मीर घूमने आते हैं और यहां के सुंदर नजारे उन्हें लुभाते हैं. 


अगर आजकल की बात करें चारों ओर एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. चारों ओर चिनार के पेड़ों के पत्ते जमीन पर बिखरे हुए नजर आ रहे हैं और ऐसा लगता है कि मानो लाल कालीन बिछा हो. इन नजारों को देख यहां आए पर्यटक काफी उत्साहित नजर आते हैं और इन पत्तों में एक अद्भुत आनंद का एहसास उठाते हैं. चारों तरफ चिनार के इन लाल पत्तों को देख यहां आए पर्यटकों को एक अलग ही एहसास हो रहा है और फिर यह कहने पर मजबूर होते हैं कि अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो वो कश्मीर ही है.


चिनार के ये पत्ते अक्टूबर के महीने से ही लाल होना शुरू होते हैं और जैसे ही यह लाल पत्ते जमीन पर गिरना शुरू हो जाते हैं, तो कश्मीर में ठंड का आगमन भी शुरू हो जाता है, लेकिन इस मौसम में चिनार के लाल पत्ते न सिर्फ यहां आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद बन जाते हैं, बल्कि कश्मीर में इसके साथ ही लोग ठंड से बचने की तैयारियों में जुट जाते हैं.


कश्मीर में पतझड़ के इस मौसम का इंतजार न सिर्फ यहां आने वाले पर्यटक बेसब्री से करते हैं, बल्कि यहां के लोगों को भी चिनार के पेड़ों से गिरने वाले इन लाल पत्तों का बेसब्री से इंतज़ार होता था, क्योंकि इन लाल पत्तों को लोग जलाकर कोयला बनाते थे जो सर्दियों में यहां के लोगों को ठंड से राहत दिलाता था. हालांकि, अभी प्रदूषण विभाग के प्रतिबंध से इस प्रक्रिया पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, लेकिन इससे पतझड़ की रंगीनी में कोई कमी नहीं आई है. 


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