Jammu- Kashmir News: भारी बर्फबारी हो या घना कोहरा कश्मीर घाटी में अब सर्दियों में खराब मौसम के चलते उड़ानें प्रभावित नहीं होंगी. घने कोहरे और धुंध के बीच भी उड़ानें बिना किसी अड़चन के नई तकनीक वाले उपकरणों की मदद से चालू रहेंगी. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने कहा है कि श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अप्रैल के महीने से 'कैट-2 आईएलएस' सिस्टम के इंस्टॉलेशन का कार्य शुरू होगा, जिसकी मदद से कम विजिबिलिटी में भी उड़ानें लैंड कर सकेंगी. 


श्रीनगर एयरपोर्ट के निदेशक कुलदीप सिंह के अनुसार, यात्रियों, विमानों और कर्मचारियों की सुरक्षा एयरपोर्ट प्राधिकरण की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाते हैं, ताकि हमारा संचालन सुरक्षित तरीके से हो. इस उद्देश्य के साथ, हमने विमान के हवाई नेविगेशन, यात्री सुरक्षा और सुरक्षा के उद्देश्य से कई आधुनिक उपकरण स्थापित किए हैं."  


हवाई अड्डे पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम


कुलदीप सिंह ने कहा, "इन सभी मापदंडों पर खरा उतरने के लिए हमारे यहां पर डोप्पलर वैरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (डीवीओआर), नॉन-डायरेक्शनल बीकन (एनबीडी), इंस्ट्रुमेंटल लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस), एक्स-रे बैगेज इंस्पेक्शन सिस्टम (एक्सबीआईएस), इन-लाइन होल्ड बैगेज स्क्रीनिंग (आईएलबीएस) और एस्टीमेट टाइम ऑफ डिपार्चर (ईटीडी) सिस्टम शामिल हैं. हवाई अड्डे पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम को 1000 मीटर से अधिक की विजिबिलिटी पर कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है. यदि विजिबिलिटी इस सीमा से कम है, तो हम कभी भी उड़ान संचालित नहीं कर पाते हैं." 


'यात्रियों के लिए सुखद यात्रा सुनिश्चित कर सकें'


कुलदीप सिंह ने कहा कि हमारे पास अत्याधुनिक लैंडिंग और नेविगेशन सुविधाएं हैं और हम यातायात में वृद्धि के अनुरूप उनके सुधार के लिए लगातार प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा, "हम एक नए टर्मिनल भवन और छह और विमान पार्किंग स्टैंड के निर्माण में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं, ताकि हम अपने यात्रियों के लिए एक सुखद यात्रा अनुभव सुनिश्चित कर सकें."


'इंस्टॉलेशन का काम अप्रैल में शुरू होगा'


वहीं, एएआई के निदेशक ने बताया कि एयर फील्ड की कम विजिबिलिटी को दूर करने के लिए हम 'कैट-2 आईएलएस' सिस्टम लगाने जा रहे हैं और इंस्टॉलेशन का कार्य अप्रैल के महीने में शुरू किया जाएगा. यह सिस्टम अक्टूबर के महीने में चालू होने के लिए तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस नई प्रणाली के साथ विजिबिलिटी सीमा नई आईएलएस प्रणाली के चालू होने के बाद 500 मीटर तक बढ़ जाएगी. 


गौरतलब है कि एयर फील्ड से बर्फ हटाने और बर्फ हटाने के लिए अधिकांश आधुनिक मशीनरी का भी उपयोग होता है, जिसका उद्देश्य सभी प्रकार के खराब मौसम में उड़ान संचालन में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करना है. विमान के पंखों पर बर्फ जमा न होने के लिए डी-आइसिंग के लिए वाटर स्प्रे लगाते हैं, ताकि उड़ान संचालन में अनावश्यक देरी न हो और सुरक्षित उड़ान संचालन के परिणामस्वरूप सभी यात्रियों और हितधारकों के निरंतर विश्वास हासिल किए हुए हैं.


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