Kashmir Journalist Threatening Case: कश्मीर में काम करने वाले पत्रकारों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. पिछले कुछ दिनों में यहां रहने वाले पत्रकारों को आतंकी धमकियां मिल रही थीं, जिसे लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसमें बताया गया है कि पिछले कुछ दिनों में घाटी में कई पत्रकारों को मिली धमकियों के पीछे तुर्किये के आतंकवादी मुख्तार बाबा और जम्मू कश्मीर में उसके छह सहयोगियों का हाथ होने का संदेह है. एक खुफिया दस्तावेज से ये जानकारी मिली है. 


कई पत्रकारों ने दिया था इस्तीफा
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के धमकी दिए जाने के बाद हाल में कई पत्रकारों ने स्थानीय अखबारों और पत्रिकाओं से इस्तीफा दे दिया. खुफिया दस्तावेज के अनुसार, ‘‘शुरुआती आकलन से पता चलता है कि धमकियों के पीछे आतंकवादी मुख्तार बाबा का हाथ है.’’ मुख्तार बाबा (55) कश्मीर के विभिन्न अखबारों के लिए काम करता था. वह 1990 के दशक में श्रीनगर का निवासी था और माना जाता है कि वह तुर्किये भाग गया था.


दस्तावेज में कहा गया है कि अक्सर पाकिस्तान की यात्रा करने वाला बाबा घाटी में युवाओं को टीआरएफ में शामिल होने के लिए ‘प्रेरित’ करने वाला मास्टरमाइंड है. बाबा के घाटी में अपने छह सहयोगियों के संपर्क में होने का संदेह है और उनमें से दो की पहचान कर ली गई है.


बता दें कि पिछले दिनों कश्मीर में लगातार टारगेट किलिंग के मामले बढ़े हैं. आतंकियों ने खासतौर पर प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाने का काम किया है. यही वजह है कि जब आतंकियों की तरफ से धमकियां मिलीं तो कई पत्रकारों ने अपनी नौकरी ही छोड़ दी. फिलहाल सेना लगातार आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है और घाटी से आतंक का सफाया करने की कोशिश में जुटी है. 


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