भाईचारा: जब कश्मीरी पंडित ने बेटा खोया तो लाश की तलाश में मुसलमान पंजाब तक पहुंचे
श्रीनगर: इन दिनों कश्मीर की चर्चा होते ही आंखों के सामने पत्थरबाजी और गोलियां चलने का दृश्य उभर आता है. इन दिनों कश्मीर में लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. यह सिलसिला आतंकी बुरहान बानी के एनकाउंटर के बाद से ही देखने को मिल रहा है.
इसी बीच कश्मीर के बारामुला जिले से एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जो कश्मीर की असली तस्वीर पेश करती है. अपने खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर कश्मीर की यह खबर इंसानियत और हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रही है.
कश्मीर ऑबजर्वर के मुताबिक बारामुला जिले के धोबिवन गांव में एक कश्मीरी पंडित परिवार के यहां बैशाखी के मौके पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. इस परिवार ने त्योहार के मौके पर अपना बेटा खो दिया. इस दुख भरे माहौल में कुछ मुस्लिम पिछले तीन-चार दिनों से लगातार पंडित परिवार के यहां पहुंच कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं.
घटना का जिक्र करते हुए वीर जी ने बताया कि बैशाखी के मौके पर उनका बेटा रितिक रैना भाखरा बांध घूमने गया था, जहां सेल्फी लेने के दौरान वह फिसल गया. उन्होंने आगे कहा कि घटना के पांच दिन बाद भी पंजाब ऑथोरिटी उनके बेटे की लाश पता लगाने में कामयाब नहीं हो पाई है. रितिक बीबीए का स्टूडेंट था.
वीर जी रैना ने कश्मीर से पलायन नहीं किया था और उनका परिवार लगातार यहां रहता आ रहा है. अपने पड़ोसियों के साथ राणा का यह परिवार खुशी के साथ रहता है और इनके मुस्लिम पड़ोसी हर सुख-दुख के मौके पर इनका सहयोग करते हैं.
वीर जी ने कहा, ''मैं कश्मीर में अपने मुसलमान भाईयों की मदद से अभिभूत हूं. कुछ मुस्लिम मेरे बेटे की लाश का पता लगाने के लिए पंजाब तक पहुंचे''. उन्होंने कहा कि यहां के मुसलमान लगातार अपना दुख जाहिर कर रहे हैं.
अपने पड़ोसियों के लिए सिर्फ वीर जी ही भाईचारे और मुहब्बत वाली सोच रखते नहीं रखते बल्कि इलाके के मुस्लिम भी ऐसा ही सोचते हैं. वीर जी के पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने कभी यह महसूस नहीं किया कि वीर जी एक पंडित हैं. मुहम्मद सलीम नाम के एक शख्स का कहना है कि हम सभी कश्मीरी हैं, राजनीति और धर्म हमें अलग नहीं कर सकती.