कश्मीर: सेना द्वारा सूफ़ी फ़ेस्टिवल का आयोजन, नूरां सिस्टर्स ने अपनी आवाज से बांधा समा
इस कार्यक्रम में सूफ़ी संगीत में अपना लोहा मनवाने वाली नूरा सिस्टर्स मुख्य आकर्षण का केंद्र रहीं.
जम्मू-कश्मीर: कश्मीर के युवाओं को विकास और शांति की राह पर ले जाने के लिए बसेना ने एक और पहल की. श्रीनगर में चिनार यूथ कम सूफ़ी फ़ेस्टिवल का सेना द्वारा आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सूफ़ी संगीत में अपना लोहा मनवाने वाली नूरा सिस्टर्स मुख्य आकर्षण का केंद्र रहीं. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कश्मीर के युवकों को एक ऐसा प्लाट्फ़ोर्म देना था जहां वह अपने हुनर का प्रदर्शन कर सकें.
शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेन्शन सेंटर (एसकेआईसीसी) में गुरुवार को दो दिवसीय इस यूथ फ़ेस्टिवल का समापन समारोह था, जिसमें घाटी के अलग अलग कोनो से आए स्थानीय बैंड ने परफॉर्मेंस दी. सबसे ज़्यादा समा बांधा पंजाब की सूफ़ी क्वीन नूरा सिस्टर्स- ज्योति नूरान और सुल्ताना नूरान ने. एक के बाद एक सूफ़ी कलाम के साथ उन्होंने सबका दिल जीत लिया.
नूरा सिस्टर्स की ख़ास पेशकश का वहां बैठे लोगों ने काफ़ी आनंद लिया और कहा कि यह एक अच्छा प्रयास है युवकों को प्रोत्साहित करने का. एक युवती रमक तारिक ने बताया कि वह विशेष रूप से नूरा सिस्टर्स को सुनने के लिए यहां आईं थी. रमक के अनुसार वह चाहती हैं कि ऐसा प्लाट्फ़ॉर्म कश्मीर के युवा कलाकारों को मिलना चाहिए ताकि वो भी कोई भी मुक़ाम छू सकें.
एक अन्य ज़ाहिद नामी युवक ने कहा कि काफ़ी अच्छा लगता है जब कश्मीर में ऐसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस होता है अमन की फ़िज़ा वापिस लौट रही है.
बता दें कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन “बैटल ऑफ़ बैंड्स” भी आयोजित किया गया. इसमें घाटी के क़रीब ३० सेअधिक स्थानीय बैंड्स ने भाग लिया. इनमें शफ़ी सोपोरि, रूबाब बैंड, आबिद अली, आदि जैसे स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया. इतना ही नहीं इसमें लड़कियों के एक बैंड रुदाद ने भी भाग लिया.
उन्होंने लोगों के सामने अपने हुनर की पेशकश की और वाहवाही लूटी. भारी संख्या में स्थानीय लोग भी इस कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाने पहुंचे जिन्होंने स्थानीय कलाकारों की सराहना की.