अमरनाथ यात्रा जून में शुरू होने जा रही है, कोरोना महामारी के चलते लगातार स्थगित होने के बाद अब अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है. इस बार अमरनाथ यात्रा में लाखों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. लेकिन इस यात्रा को लेकर द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की तरफ से एक धमकी सामने आई है. जिसमें इस यात्रा के दौरान खून खराबे की बात कही गई है.
अमरनाथ यात्रा के राजनीतिकरण का आरोप
कश्मीर के आतंकी संगठन टीआरएफ की तरफ से कहा गया है कि, हर साल 15 हजार की जगह अब 8 लाख लोग अमरनाथ यात्रा पर आ रहे हैं, वहीं 15 दिन की जगह 75 दिन की यात्रा हो रही है. ये अमरनाथ यात्रा का राजनीतिकरण है. इसमें आगे कहा गया है कि श्राइन बोर्ड की तरफ से हाल ही में ये ऐलान किया गया कि पवित्र गुफा तक तीन लाख श्रद्धालु जा सकेंगे और यात्रा 75 दिन तक जारी रहेगी. ये और कुछ नहीं बल्कि एक पॉलिटिकल मूव है. टीआरएफ ने कहा है कि, संघी और फासीवादी सरकार इस पवित्र स्थल का भगवाकरण करना चाहती है.
टीआरएफ ने दी ये धमकी
टीआरएफ की तरफ से लोगों से कहा गया है कि वो सरकार के इस एजेंडे का हिस्सा न बनें. इस संगठन ने आरोप लगाया है कि सरकार लोगों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रही है. लोगों से कहा गया है कि वो भड़के नहीं और सरकार की बातों में न आएं. आखिर में टीआरएफ ने कहा है कि उसके लड़ाके हालात पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी तरह का भड़काऊ कदम खून खराबे को न्योता दे सकता है.
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