Jammu Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद एक बार फिर से पांव पसारने लगा है. पिछले एक महीने में केंद्रशासित प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा आतंकी हमले हुए हैं, जिसमें भारतीय सेना के कई जवान शहीद हुए हैं. अभी तक आतंकी घटनाएं कश्मीर घाटी में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब जम्मू तक आतंकियों ने अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया है. मंगलवार (16 जुलाई) को खबर आई कि डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत भारतीय सेना के चार जवान शहीद हुए हैं. 


पिछले तीन हफ्ते में डोडा जिले के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की है और उन्हें सख्त एक्शन लेने को कहा है. जम्मू-कश्मीर में हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 'कश्मीर टाइगर्स' ने ली है. ऐसे में आइए इस आतंकी संगठन के बारे में जानते हैं. साथ ही जानते हैं कि इसने कब-कब हमला किया है. 


क्या है कश्मीर टाइगर्स? 


जम्मू-कश्मीर में ऑपरेट करने वाले कश्मीर टाइगर्स जैश का एक छाया आतंकवादी संगठन है. आसान भाषा में कहें तो ये पाकिस्तीनी सेना के करीबी माने जाने वाले जैश-ए-मोहम्मद के दहशतगर्दी के काम को घाटी में अंजाम देता है. कश्मीर टाइगर्स एक कम जाना-पहचाना आतंकवादी समूह रहा है. मगर इसके बाद भी कई आतंकी हमलों में इसका नाम सामने आया है. कश्मीर टाइगर्स पहली बार जनवरी 2021 में सुर्खियों में आया था. इस आतंकवादी समूह का नामकरण बदलता रहा है. 


कश्मीर टाइगर्स ने जून 2021 में दक्षिण कश्मीर में ग्रेनेड हमला करने की जिम्मेदारी ली थी. इसके बाद उसी साल दिसंबर में इस आतंकवादी संगठन ने श्रीनगर में एक पुलिस बस पर हमला किया, जिसमें तीन लोग मारे गए और 11 अन्य घायल हो गए. कश्मीर घाटी के भीतर भारतीय सुरक्षा बलों और बुनियादी ढांचे पर कई हमलों की जिम्मेदारी इस आतंकी संगठन ने ही ली है. हाल ही में कठुआ में हुए आतंकी हमले में भी कश्मीर टाइगर्स का ही हाथ था. 


कैसे काम करता है कश्मीर टाइगर्स?


दुनिया के हर आतंकवादी संगठन का कोई न कोई मकसद जरूर होता है. ठीक ऐसे ही कश्मीर टाइगर्स का भी एक लक्ष्य है. उसका सबसे बड़ा मकसद कश्मीर पर से भारत के नियंत्रण को खत्म करना है. अपने इस नापाक मंसूबे को अंजाम देने के लिए ये आतंकी संगठन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों से संबंधित शिकायतों का फायदा उठाकर स्थानीय युवाओं की भर्ती करता है. 


घाटी में आतंक फैलाने लिए कश्मीर टाइगर्स के दहशतगर्द घात लगाकर सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला करते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए बम विस्फोट करना और टारगेट किलिंग सहित गुरिल्ला रणनीति अपनाना भी इनके प्लान का हिस्सा है. जम्मू-कश्मीर में भय फैलाने के लिए आतंकी अक्सर सुरक्षाकर्मियों और राजनीतिक हस्तियों को निशाना बनाते हैं. 


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