Kashmir Weather Update: उत्तर भारत समेत राजधानी में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में भी स्नोफॉल हो रहा है जिसकी वजह से  न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.द्रास में न्यूनतम तापमान शून्य से 26.7 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया और गुलमर्ग में मौसम की सबसे ठंडी रात शून्य से 12.0 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज की गई. मौसम विज्ञान कार्यालय ने 22 जनवरी से 24 जनवरी तक भारी बर्फबारी की संभावना जताई है क्योंकि इस क्षेत्र में कई पश्चिमी विक्षोभों के आने की संभावना है . 


मौसम विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने कहा कि श्रीनगर में आज शून्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह और नीचे जाएगा.अहमद ने बताया कि 18 जनवरी तक मौसम ज्यादातर शुष्क रहने की संभावना है और मौसम के इस मिजाज के परिणामस्वरूप दिन गर्म और रातें ठंडी होंगी और पूरे क्षेत्र में शीतलहर चलेगी. इसके अलावा बादल छाए रहने की संभावना है. कश्मीर घाटी में शीत लहर की स्थिति पहले से ही महसूस की जा रही है क्योंकि काजीगुंड में तापमान शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि पहलगाम में शून्य से 10.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 12.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस कम था. यह विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग रिसॉर्ट में अब तक की सबसे ठंडी रात थी. जम्मू में न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि बनिहाल में न्यूनतम तापमान -1.5 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 1.3 डिग्री सेल्सियस नीचे), बटोटे में -1.4 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे), कटरा में 4.5 डिग्री सेल्सियस (1.7 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया और भद्रवाह माइनस 1.0°C (सामान्य से 0.1°C नीचे)दर्ज किया गया.


बादल छाए रहने की है संभावना 


लद्दाख में जहां लेह और कारगिल में न्यूनतम तापमान क्रमश: माइनस 14.4 डिग्री सेल्सियस और माइनस 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं द्रास में इस सीजन का सबसे ठंडा तापमान -26.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मुख्तार अहमद ने कहा कि 19 जनवरी से 21 जनवरी तक, बादल छाए रहने की संभावना है और मुख्य रूप से ऊंचे इलाकों में छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश/बर्फबारी की संभावना है. उन्होंने कहा कि 22 से 24 तारीख तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है जम्मू और कश्मीर के अधिकांश स्थानों पर 23/24 जनवरी के दौरान मैदानी इलाकों में हिमपात और मध्य और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मध्यम स्नोफॉल की संभावना है.


कश्मीर चिल्लई-कलां की चपेट में है, 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि जो 21 दिसंबर से शुरू हुई थी. इसका मतलब सर्दी का अंत भी नहीं है.इसके बाद 20 दिन की अवधि 'चिल्लई-खुर्द' कहलाती है जो 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच होती है और 10 दिन की अवधि 'चिल्लई-बच्चा' होती है जो 20 फरवरी से 1 मार्च तक होती है.


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