Taleema Akhtar On Pakistan: कश्मीरी महिला कार्यकर्ता तस्लीमा अख्तर ने आतंकवाद और कश्मीर को लेकर फेक प्रचार प्रसार करने को लेकर पाकिस्तान पर को खड़ी खोटी सुनाई. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के 55 वें सत्र में भाग लेने वाली तस्लीमा अख्तर ने कश्मीर पर गलत प्रचार और कश्मीर में प्रायोजित आतंकवाद को उजागर कर पाकिस्तान को आईना दिखाया.


आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को घेरा


न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक तस्लीमा अख्तर ने कहा, "हमने संयक्त राष्ट्र में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शिकार हुए अपने निर्दोष लोगों के लिए न्याय की मांगा. हमने जम्मू-कश्मीर में चल रहे विकासकार्यों पर भी चर्चा की, जिस पर पूरी दुनिया की नजर है."


कश्मीर को लेकर गलत और झठे प्रचार को खारिज करते हुए तस्लीमा अख्तर ने कई पाकिस्तानी एजेंटों को भी बेनकाब किया, जो अक्सर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीरी निवासियों के रूप में सामने आते हैं.


तस्लीमा अख्तर ने कहा, "फ्रांस, इटली और ब्रिटेल जैसे देशों में रहने वाले कुछ लोगों का अपना एजेंडा है, उनके पास कश्मीर और यहां के लोगों के बारे में न तो सच्चाई पता है और न ही समझ है."


अनुच्छेद 370 के निरस्त होने पर क्या बोली?


एएनआई से बात करते हुए तस्लीमा ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और साल 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर में हुए बदलाव की भी सराहना की. उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पाकिस्तान प्रायोजित पथराव बंद हो गया. हमने वहां पाकिस्तान समर्थित संगठनों की ओर से किए गए दंगों और हिंसा का अंत होते देखा."


जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा, "दोनों इलाकों में हुए विकास कार्यों में बड़ा अंतर है. एक तरफ जम्मू कश्मीर में नेशनल हाईवे, सड़कें और स्टेशनों का निर्माण हो रहा है तो वहीं पीओके में लोग खुद का चंदा इकट्ठा करके सड़कें बनाने के लिए मजबूर हैं."


तस्लीमा अख्तर ने शांति का जिक्र करते हुए जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल की सराहना की. उन्होंने कहा कि कश्मीर दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.


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