कश्मीरी पंडितो के विस्थापन के तीन दशक पूरे, राज भवन के बाहर किया प्रदर्शन
मानवाधिकार संगठनों पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन कर रहे इन पंडितो ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ महीनो से इंटरनेट बंद है तो छाती पीटी जा रही है, लेकिन 30 सालो से विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी पंडितो के मुद्दे पर सब चुप हैं.
![कश्मीरी पंडितो के विस्थापन के तीन दशक पूरे, राज भवन के बाहर किया प्रदर्शन Kashmiri Pandit s demand trial for their 1990 s genocide कश्मीरी पंडितो के विस्थापन के तीन दशक पूरे, राज भवन के बाहर किया प्रदर्शन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/01/19155225/Kashmiri-Pandits-GettyImages-1084958506.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जम्मू कश्मीरः रविवार को 1990 में आतंकवाद के चलते कश्मीर में अपने घरो से निकले गए लाखो कश्मीरी पंडितो के विस्थापन के तीन दशक पूरे हो गए. कश्मीरी पंडित इसे काले दिवस के रूप में मानते हैं. अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ आज भी कश्मीरी पंडित दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे है.
19 जनवरी 1990 जम्मू कश्मीर के इतिहास में वो काला दिन है जब कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियो ने वर्षों से रह रहे कश्मीरी पंडितो को निशाना बनाया और उन्हें कश्मीर घाटी से विस्तापन के लिए मजबूर कर दिया.
'दोषियों को सजा देने की मांग'
जम्मू में राज भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे पंडितो की मांग थी कि न तो उनकी समस्याएं राज्य सरकारों ने सुनी और न ही केंद्र की सरकारों ने. वो आज भी 1990 में आतंकियों के हाथों मारे गए पंडितो के दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे हैं.
मानवाधिकार संगठनों पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन कर रहे इन पंडितो ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ महीनो से इंटरनेट बंद है तो छाती पीटी जा रही है, लेकिन 30 सालो से विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी पंडितो के मुद्दे पर सब चुप हैं.
'आर्टिकल 370 हटने से बढ़ी थी उम्मीद'
इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे आल स्टेट कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस के प्रधान रविंदर पंडित दावा कर रहे है कि कश्मीरी पंडितों की मांगों को पूरा करने में केंद्र और राज्य सरकारे विफल रही है. उनके मुताबिक सरकारें जम्मू कश्मीर में वोट बैंक की राजनीति कर रही है और जिस समुदाय के अधिक वोट है उसी की सुनवाई हो रही है.
उन्होंने कहा कि अगर 1984 के सिख दंगो का मामला खुल सकता है तो फिर 1990 में कश्मीरी पंडितो के नरसंहार के मामले में विशेष जांच दल क्यों नहीं बनाया जा सकता.
केंद्र और राज्य सरकारों पर बरसते हुए कश्मीरी पंडित नेताओ ने कहा कि अगस्त में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि घर वापसी के मुद्दे को गंभीरता से उठाया जायेगा. लेकिन, केंद्र सरकार ने उनसे धोखा किया है.
जल्द ही सीआईएसएफ के हवाले की जाएगी श्रीनगर एयरपोर्ट की सुरक्षा
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)