Attack On Kashmiri Pandit: प्रधानमंत्री पुनर्वास योजना के तहत कश्मीर में काम कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. आज मारे गए सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की दसवीं के मौके पर कश्मीरी पंडित कर्मचारियो के झेलम नदी पर उसकी आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा की और उसके बाद विरोध मार्च करते हुए लाल चौक तक गए, जहां घंटा घर के सामने धरना प्रदर्शन भी किया. कर्मचारी कश्मीर घाटी से देश के किसी भी प्रान्त में ट्रांसफर की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.
सरकार करे ट्रांसफर
एक महिला कर्मचारी के अनुसार वह कश्मीर घाटी में सुरक्षित नहीं है और हर हाल में उनको यहां पर नौकरी करने वाले बांड से आज़ादी चाहिए. प्रधानमंत्री योजना के तहत सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को यह बांड लिखना पड़ता है कि वह कश्मीर घाटी में ही नौकरी कर सकते है. एक कर्मचारी अंकुर भट्ट के अनुसार प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों कश्मीरी पंडितो की जान के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. आज तक हम पिछली सरकारों पर आरोप लगाते रहे हैं कि उन्होंने कश्मीरी पंडितो के लिए कुछ नहीं किया और कश्मीरी पंडितो के लिए खड़ी नहीं रही, लेकिन ये सरकार भी तो वही कर रही है.
राहुल भट्ट की आतंकियों ने गोली मारकर कर दी थी हत्या
बता दें कि राहुल भट को आतंकियों ने 12 मई को बडगाम जिले के चदूरा कस्बे में मार गिराया था. राहुल भट्ट को 2010-11 में जम्मू-कश्मीर में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत क्लर्क की नौकरी मिली थी. वहीं राहुल भट्ट की हत्या से आक्रोशित पीएम विशेष रोजगार पैकेज के तहत तैनात कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन लगातार जारी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भट्ट की पत्नी ने कई बार उनके तबादले की अपील करते हुए अधिकारियों से मुलाकात भी की थी लेकिन इस बाबत कोई कदम नहीं उठाए गए. वहीं राहुल भटट् हत्याकांड के बाद से कई कर्मचारी दफ्तर नहीं गए हैं. उनका कहना है कि वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
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