Kashmiri Pandits Return News: कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के बाद असर भी दिखने लगा है. हमले के बाद कश्मीरी पंडितों और सिख समुदाय के लोगों को कश्मीर से पलायन होने लगा है. वहीं, सरकार की कोशिश है कि प्रधानमंत्री पुनर्वास योजना के तहत कश्मीर घाटी में लोगो को बसाया जाए. इन लोगों में से ज्यादातर ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं जो विशेष पैकेज के तहत नियुक्त हुए हैं. और कश्मीर में बनी अलग-अलग सुरक्षित कॉलोनियों में रहते हैं. ये कॉलोनी श्रीनगर, बडगाम, कुलगाम, अनंतनाग, बारामुला, कुपवाड़ा और गंदेरबल में बनाई गई है. कुलगाम के वीसू में बनी विस्थापि पुनर्वास कॉलोनी से ज्यादातर कर्मचारी और उनके परिवार छुट्टी लेकर जम्मू जैसे जगहों पर लौटने लगे हैं. ऐसे में दिनों पहले तक करीब 1000 से ज्यादा आवादी वाले लोगों के साथ चहक रही कॉलोनी आज वीरान सी दिख रही है.


इसी कॉलोनी में रहने वाली खुशी पंडिता जो पुनर्वास योजना के तहत घाटी में लौटी थीं वह आज फिर से वापस जम्मू जा रही हैं. खुशी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से लोगों कि हत्या हुई है उससे उनको डर लग रहा है और वह आज सपरिवार जम्मू लौट रही हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सुरक्षित माहौल नहीं मिलता वह वापस नहीं लौटेंगी.


बता दें कि कश्मीरी पंडितों पर हमलों के पीछे जम्मू कश्मीर पुलिस ने टीआरएफ नाम के संगठन को ज़िम्मेदार बताया है. पुलिस ने संगठन के समर्थकों के खिलाफ अभियान भी शुरू कर दिया है. लेकिन कुलगाम में पंडित विस्थाप्त कॉलोनी में रहने वाले विजय रैना हमलो के लिए हाल ही में सरकार की तरफ से शुरू किये गए "grievance portal"  को वजह बता रहे हैं.


विजय रैना के अनुसार कश्मीरी पंडितो को ज़मीन और मकान वापस दिलवाने के लिए शुरू किये गए इस पोर्टल के कारण ही कश्मीरी पंडितो पर हमले होने लगे हैं. क्योंकि कश्मीर में कुछ लोग नहीं चाहते कि कश्मीरी पंडित वापस लौटें. हालांकि अभी तक यह साफ़ नहीं हुआ है कि पिछले हफ्ते में हुए हमलों के पीछे का कारण क्या था. ऐसे में हमलों के आबाद एक बार फिर से कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक समाज में डर फैल गया है.


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