Devkinandan Thakur On Mamata Banerjee: बीते दिन रविवार (21 जुलाई) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा को लेकर कहा था कि अगर पड़ोसी देश के लोग उनके दरवाजे पर दस्तक देंगे तो उन्हें शरण दी जाएगी. इसको लेकर मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि अगर उन्हें शरण देनी ही है तो हिंदुओं को दें. अगर वहां के लोगों को शरण दी जाएगी तो इसका प्रभाव दूसरे धर्म की संख्या पर पड़ेगा.


उन्होंने कहा, “जिस देश की आजादी के लिए हजारों वीर सपूतों ने अपनी जान गवाई, उसी देश को एक बार फिर कुछ संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की ओर से गुलामी की ओर धकेलने का कुत्सित प्रयास  किया जा रहा है. सनातनियों की घटती जनसंख्या को लेकर पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है और अब बंगलादेश से आने वाले लोगों को यहां शरण दी जा रही है, जिसका सीधा प्रभाव दूसरे धर्म की संख्या पर पड़ना तय है. यह देश सर्वप्रथम हिन्दुओं का है अगर किसी को शरण देनी है तो सनातनियों को दो न की विधर्मियों को.”


बीजेपी ने साधा ममता बनर्जी पर निशाना


इसके अलावा, बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो राज्य में घुसपैठ को जायज ठहरा रही हैं. बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘किसी को भी शरण देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है. राज्य सरकार इस पर फैसला नहीं ले सकती. वो नागरिकता संसोधन कानून का विरोध कर रही हैं. ये वही कानून है जो पड़ोसी देशों में सताए गए लोगों को नागरिकता देता है. ऐसे तो घुसपैठियों को शरण देकर उनकी मदद करना चाहती हैं.’


क्या कहा था ममता बनर्जी ने?


बंगाल में शहीद दिवस के मौके पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए टीएमसी चीफ ने कहा था, “मैं बांग्लादेश को लेकर कुछ नहीं बोलूंगी क्योंकि वो एक दूसरा देश है और केंद्र सरकार इसपर ध्यान देगी. अगर मजबूर (बांग्लादेश से) बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो हम उन्हें शरण देंगे. इसको लेकर यूएन का एक प्रस्ताव भी है. पड़ोसी शरणार्थियों का सम्मान करेंगे.”


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