कठुआ रेप केस: अपराधियों ने समाज के तौर पर हमें स्तब्ध कर दिया: महबूबा मुफ्ती
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘अगर हम अच्छे इंसान नहीं बन पाते हैं तो हमारी आर्थिक उन्नति बेमतलब है.’’
कक्रीयाल: जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दुख जताते हुए कहा कि ऐसी भूमि पर जहां लड़कियों को देवी दुर्गा के अवतार के तौर पर पूजा जाता है, वहां ‘ माता के जीवंत रूप ’ के साथ इतनी क्रूरता से सलूक किया गया है. कठुआ घटना को चिंताजनक बताते हुए सीएम महबूबा मुफ्ती ने ये बात कही. श्री माता वैष्णों देवी विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए महबूबा ने आज कहा कि अपराधियों के इस जघन्य अपराध ने समाज के तौर पर हमें स्तब्ध कर दिया है और इससे पता चलता है कि नैतिक मूल्य संकट घिर गए हैं.
सिलेबस में नैतिक मूल्यों की शिक्षा को शामिल करने की पैरवी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर हम अच्छे इंसान नहीं बन पाते हैं तो हमारी आर्थिक उन्नति बेमतलब है.’’ मुख्यमंत्री ने कठुआ की बलात्कार पीड़िता का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ राज्य के इस हिस्से में सभी धार्मिक क्रिया का पालन किया जाता जैसे कन्या पूजा, जहां नाबालिक लड़कियों को देवी दुर्गा के अवतार के रूप में पूजा जाता है. कोई ‘माता’ के एक जीवंत रूप के साथ उसी की भूमि पर कैसे इतना जघन्य कृत्य कर सकता है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिकूट पर्वतों को माता वैष्णों देवी के निवास स्थान के तौर पर जाना जाता है और इस समाज का एक बेहतरीन सबूत है और वे कैसे महिलाओं के साथ सलूक कर रहे हैं. सीएम महबूबा ने कहा, ‘‘ जब हम नैतिक मूल्यों के के बारे में बात करते हैं तो मुझे लगता है यह खतरे में है. हाल में एक कमजोर गरीब शख्स, खासतौर पर बच्ची के साथ जो हुआ वे चिंतनीय है और (इसने) समाज के तौर पर हमें क्षुब्ध किया है.’’
दस जनवरी को आठ वर्षीय बच्ची को अगवा कर लिया गया था और कठुआ जिले में 17 जनवरी को उसका शव मिला था. जांच के दौरान , राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने आरोप लगाया था कि उसे नशीला पदार्थ दिया गया और हत्या करने से पहले कई बार बलात्कार किया गया. एक किशोर समेत आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट में उनके मुकदमे की सुनवाई कल शुरू हो गई, जहां उन्होंने अपराध स्वीकार नहीं किया. इस घटना ने समूचे देश में रोष पैदा कर दिया है. सीएम महबूबा ने कहा कि वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी का ज्ञान देने के साथ ही, एक विश्वविद्यालय को छात्रों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी देनी चाहिए.