(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कठुआ रेप केस : कांग्रेस की मांग अदालत करे जांच की निगरानी, राज्य और केन्द्र सरकार पर भरोसा नही
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक नाबालिग बच्ची से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग की है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक नाबालिग बच्ची से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग की है. कांग्रेस ने भी कहा कि उस वकील को सुरक्षा दी जाए जो पीड़िता का केस लड़ रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह राज्य सरकार को पत्र लिखकर उस महिला वकील को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग करेंगे जो पीड़िता का केस लड़ रही है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी-पीडीपी सरकार में जम्मू में सांप्रदायिक विभाजन बढ़ रहा है.
आजाद ने उम्मीद जताई है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जिन नेताओं और वकीलों से लोगों को इंसाफ दिलाने की उम्मीद की जाती है वे आरोपियों को बचा रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मुझे पूरा यकीन है कि न्यायपालिका न्याय करेगी. यदि इंसाफ हुआ तो उसकी आत्मा को शांति मिलेगी.’’
गुलाम नबी आजाद ने कहा , ‘‘जम्मू-कश्मीर और केंद्र की सरकारों पर भरोसा नहीं है. कठुआ केस की जांच अदालत की निगरानी में होनी चाहिए या तो सुप्रीम कोर्ट या फिर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट सुनिश्चित करे कि केस की त्वरित जांच हो और यह अदालत की निगरानी में हो.’’
बता दें कि पिछले दिनों जब पुलिस आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने कोर्ट पहुंची तो वहां मौजूद वकीलों और आम लोगों की भीड़ ने बदसलूकी की. पीड़ित पक्ष के वकील का दावा है कि केस को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है. पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ की बार एसोसिएशनों के कुछ वकीलों द्वारा दीपिका सिंह राजावत को गैंगरेप पीड़िता के परिवार के तरफ से पेश होने से कथित रूप से रोकने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया था.
अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया, जम्मू-कश्मीर बार काउंसिल, जम्मू बार एसोसिएशन और कठुआ जिला बार एसोसिएशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है क्योंकि अदालत के यह ध्यान में लाया गया था कि वकीलों ने आरोपपत्र दाखिल करने में बाधा पैदा की थी.
पीड़ित पक्ष की वकील की जान को खतरा
पीड़ित पक्ष की वकील दीपिका सिंह राजावत ने आशंका जाहिर की है कि इस केस की वकील बनने की वजह से उनकी जान को खतरा है. पीड़ित पक्ष की वकील दीपिका सिंह राजावत ने कहा, ''मेरा भी रेप हो सकता है या हत्या करवाई जा सकती है. शायद मुझे कोर्ट में वकालत न करने दी जाए. मैं नहीं जानती कि अब मैं यहां कैसे रहूंगी. हिंदू विरोधी बताकर मेरा बहिष्कार किया गया है.'' उन्होंने आगे कहा, ''केस ट्रांसफर करने और अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करूंगी.''
आरोपियों के पक्ष में निकली थी रैलियां
आपको बता दें कि आरोपियों को बचाने के लिए जम्मू में पिछले दिनों रैलियां निकाली गई थी. इसमें बीजेपी के दो नेता चंद्र प्रकाश गंगा और चौधरी लाल सिंह भी शामिल हुए थे. विवाद बढ़ने के बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. स्थानीय संगठन का दावा है कि पुलिस गैंगरेप मामले में आरोपी को फंसाकर ‘अल्पसंख्यक डोगरा को निशाना बना रही है.’