Kathua Firing: जम्मू कश्मीर के कठुआ में सोमवार को सेना के गश्ती दल पर घातक हमला हुआ, जिसमें 22 गढ़वाल राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए और पांच सैनिक घायल हो गए. अब मामले में सेना ने कठुआ जिले के माचेडी-बिलावर इलाके के 26 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
हमले के बाद एनआईए की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची. जांच में पुलिस भी मदद कर रही है. सेना के एक अधिकारी ने कहा कि सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बीहड़ इलाकों और जंगलों की तलाशी ले रहे हैं. हालांकि, घटना के बाद से अब तक कोई भी पकड़ा नहीं गया है. उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से भी निगरानी करने में तकलीफ हो रही है.
बदनोटा गांव से जोड़े जा रहे तार
इस घटना के बाद अधिकारियों की ओर से इसे बदनोटा गांव के पास घात लगाकर किए गए हमले की घटना के साथ जोड़कर देखा जा रहा है.
सैनिकों ने की 5,189 राउंड फायरिंग
आतंकवादियों ने सेना के ट्रकों पर हमला तब किया जब वह दोपहर 3.30 बजे माचेडी-किंडली-मल्हार रोड के एक मोड़ पर थे. आतंकवादियों ने सेना पर हमला करना शुरू कर दिया और घने पेड़ों की ओट में छिपकर सैनिकों पर ग्रेनेड और गोलियों से हमला किया. सैनिक ज्यादा हताहत न हों और आतंकी सेना के हथियार न छीन पाएं, इसको रोकने के लिए सैनिकों ने लगातार गोलीबारी करनी शुरू कर दी. सेना के अधिकारी ने ये भी बताया कि भारतीय सेना के गढ़वाल रेजिमेंट के सैनिकों ने आतंकवादियों पर 5,189 राउंड फायर किए, जिससे आतंकवादी वहां से भागने को मजबूर हो गए.
आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक ग्रुप कश्मीर टाइगर्स ने ली है.
सेना ने दी चेतावनी
इस हमले को लेकर लोकल लोगों के पूछताछ की जा रही है कि क्या उन्होंने हमले से पहले उन्हें देखा था या फिर उनको किस प्रकार की कोई सहायता तो नहीं दी. अधिकारियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि आतंकवादियों को आश्रय, खाना-पानी या छिपने के लिए जगह न दें. किसी को भी बिना पहचाने मदद न करें.
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