नई दिल्ली: कठुआ गैंग रेप केस पंजाब के पठानकोट ट्रांसफर कर दिया गया है. पीड़िता के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया. मामले की जांच CBI को सौंपने से कोर्ट ने मना किया है. इसकी मांग आरोपियों ने की थी. पीड़िता के पिता ने कठुआ का माहौल खराब बताते हुए केस ट्रांसफर करने की मांग की थी. आज आरोपियों ने इस मांग का विरोध किया. जम्मू-कश्मीर सरकार ने ट्रांसफर पर तो सहमति जताई, लेकिन मामला राज्य से बाहर न भेजने की मांग की.
इसके बाद जम्मू-कश्मीर के उधमपुर, सांबा, जम्मू, रामबन, रियासी जैसे जिलों में मुकदमा भेजने पर चर्चा हुई. हर जगह पर किसी न किसी पक्ष ने एतराज़ जताया. आखिरकार, कोर्ट ने मुकदमा पंजाब के पठानकोट भेज दिया. केस पठानकोट भेजने की एक अहम वजह उसकी कठुआ से नज़दीकी भी रही. कोर्ट को बताया गया कि दोनों जगहों में सिर्फ 40 किलोमीटर की ही दूरी है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और इंदु मल्होत्रा की बेंच ने केस की तेज़ी से सुनवाई का भी आदेश दिया बेंच ने कहा- पठानकोट की कोर्ट मामले पर रोजाना सुनवाई करे. सुनवाई को बेवजह न टाला जाए. सुप्रीम कोर्ट ने केस में 'इन कैमरा प्रोसिडिंग' का भी आदेश दिया है. यानी सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में सिर्फ मामले से जुड़े वकील, आरोपी और गवाह ही रहेंगे. बेंच ने केस की निगरानी के भी संकेत दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट में मामले पर अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी.
कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार को पठानकोट की कोर्ट में अपनी तरफ से वकील नियुक्त करने की इजाज़त दी. कोर्ट ने ये भी कहा कि केस से जुड़े जो कागज़ात उर्दू में हैं, उनका जल्द से जल्द अंग्रेजी में अनुवाद करवाया जाए.
आज आरोपियों ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच पर सवाल उठाए. उन्होंने जांच CBI को सौंपने की मांग की. मामले में PIL करने वाली वकील अनुजा कपूर ने भी कोर्ट से जांच CBI को सौंपने का आग्रह किया. लेकिन पीड़ित परिवार की वकील इंदिरा जयसिंह ने इसका कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच आरोप पत्र दाखिल कर चुका है. आरोपी मामले को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद कोर्ट ने जांच CBI को सौंपने से मना कर दिया.