नई दिल्ली/कश्मीर: कठुआ गैंगरेप के खिलाफ हो रहे छात्र प्रदर्शनों से परेशान जम्मू कश्मीर सरकार एक के बाद एक अजीब फैसले ले रही है. पहले स्कूल कॉलेज बंद करने का फैसला लिया गया और अब जम्मू और कश्मीर के शिक्षा मंत्री अल्ताफ बुखारी ने प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स को तीन महीने के लिए बंद कर दिया है. सरकार ने अपने इस फैसले पर चौंकाने वाली दलील दी है. सरकार का कहना है कि कोचिंग वाले बच्चों को भटका रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने धमकी दी है कि अगर विरोध प्रदर्शन ना रुके तो सभी स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद कर दिए जाएंगे.
क्या छात्र, क्या शिक्षक और क्या कोचिंग सेंटर्स के मालिक और कर्मचारी. शिक्षा मंत्री के बयान के बाद से घाटी में शिक्षा से जुड़े सभी पक्ष परेशान हैं. रविवार को श्रीनगर में एक बैठक के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री ने ऐलान कर दिया कि घाटी के सभी प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स अगले 90 दिनों तक बंद रहेंगे. सरकार ने अपने इस फैसले की वजह जो बताई है वो भी काफी हैरान करने वाली है. शिक्षा मंत्री के मुताबिक कोचिंग सेंटर छात्रों को भटका देता है. लेकिन सरकारी मंज़ूरी के बाद चलने वाले कोचिंग सेंटर इससे सहमत नहीं.
सरकार के इस फैसले से कोई भी खुश नहीं. जो छात्र 11वीं और 12वीं में पढ़ रहे हैं वह सबसे ज्यादा परेशान हैं. खासतौर से प्रोफेशनल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए कोचिंग करने वाले बच्चे इस फैसले से काफी परेशानी में पड़ गए हैं. इनके अलावा कश्मीर घाटी के विभिन्न इलाकों में चलने वाले कोचिंग सेंटर्स के कर्मचारी और मालिक भी मुसिबत में पड़ गए हैं वो सभी सरकार के इस फैसले से एक झटके में बेरोज़गार हो गए हैं.
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा क्या है? क्या सच में सरकार ने कश्मीर घाटी में बिगड़ी शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए यह फैसला लिया या फिर कारण कठुआ मामले के बाद भड़के छात्र प्रदर्शनों से निपटने में नाकामी है.
सरकार किस तरह छात्रों से निपटने के लिए धौंस और दबाव से काम लेने लगी है ये बात शिक्षा मंत्री के ही शनिवार को दिए एक और बयान से साफ़ हो गया है. शिक्षा मंत्री ने साफ साफ घाटी के छात्रों को कठुआ मामले में इन्साफ की मांग ना करने और वापस क्लास में लौटने का मशविरा दिया, लेकिन इस धमकी के बाद भी अगर छात्र प्रदर्शन नहीं रुके तो स्कूल कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
ऐसे में अब घाटी में छात्रों और सरकार के बीच का यह टकराव क्या शकल लेती है यह आने वाले कुछ दिनों में साफ़ हो जाएगा. लेकिन शिक्षा और छात्र अब घाटी में चल रही राजनीती के फिर से शिकार हो रहे हैं. इसमें नुकसान भी शिक्षा और छात्रों का ही हो रहा है.