जम्मू: कठुआ गैंगरेप कांड में पीड़ित पक्ष की वकील दीपिका सिंह राजावत केस की सुनवाई दूसरे राज्य में करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगी. महिला वकील का दावा है कि गैंगरेप केस के आरोपियों को बचाने वाले उन्हें लगातार धमकियां दे रहे हैं.


दीपिका सिंह राजावत ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और निवेदन करेंगे की केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जाए. हमारे सबूतों को देखा जाए. हमें धमकियां मिल रही है.''


इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ की बार एसोसिएशनों के कुछ वकीलों द्वारा दीपिका सिंह राजावत को गैंगरेप पीड़िता के परिवार के तरफ से पेश होने से कथित रूप से रोकने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया था.


चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने एसोसिएशन के सदस्यों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि पीड़ित परिवार न्याय से वंचित नहीं हो और उनके लिए कोई बाधा नहीं खड़ी की जाए.


अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया, जम्मू-कश्मीर बार काउंसिल, जम्मू बार एसोसिएशन और कठुआ जिला बार एसोसिएशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है क्योंकि अदालत के यह ध्यान में लाया गया था कि वकीलों ने आरोपपत्र दाखिल करने में बाधा पैदा की थी.



जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रासना जंगल में जनवरी में घोड़ों को चराने गई आठ साल की लड़की लापता हो गई थी. उसका शव एक हफ्ते बाद बरामद किया गया.


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जांच में खुलासा हुआ है कि उसे एक मंदिर के अंदर बंधक बना कर रखा गया था और उसके साथ दुष्कर्म से पहले नशीली दवाएं दी गई और उसकी हत्या कर दी गई.


कठुआ गैंगरेप के बाद यह मामला सांप्रदायिक रंग ले चुका है. जम्मू में आरोपियों को बचाने के लिए नारे लगे. पिछले महीने हिंदू एकता मंच द्वारा आरोपी सात लोगों के समर्थन में कठुआ के हीरानगर इलाके में रैली निकाली गई थी. इस रैली में बीजेपी के दो मंत्री शामिल हुए थे. हालांकि अब विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी के दोनों मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा.


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