Kathua Terror Attack: '3 घंटे फायरिंग, हम कांप रहे थे, दुकान में बैठे रहे और फिर...', कठुआ के चशमदीद ने बताई आंखों देखी
चश्मदीद ने कहा कि जब धमाका हुआ तो हमें लगा कि गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया है. उसके बाद ज्यादा फायरिंग शुरू हो गई तो हम समझ गए कि एनकाउंटर शुरू हो गया है.
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जम्मू के कठुआ जिले में सोमवार (8 जुलाई, 2024) को हुई घटना के एक चश्मदीद ने हमले की आंखों देखी बताई है. चश्मदीद ने बताया कि करीब साढ़े तीन घंटे दोनों तरफ से फायरिंग चलती रही और वह एक दुकान के अंदर छिपे रहे. जब यह हमला हुआ तो वह दुकान के अंदर कांपते हुए छिपे रहे. फिर फायरिंग रुकी तो वह बाहर निकले और देखा कि कुछ जवान घायल हैं और कुछ शहीद हो गए हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने सेना के साथ मिलकर जवानों को बाहर निकालने में मदद की.
चश्मदीद ने बताया कि उनका नाम पूरन चंद है और हमले के पास ही एक दुकान पर वह और 10-12 लोग बैठे थे. उन्होंने कहा कि पहले एक धमाका हुए और फिर दस मिनट बाद ही फायरिंग शुरू हो गई. पूरन चंद ने बताया, 'मैंने पहले देखा तीन बजे एक गाड़ी गई. उसके 10 मिनट बाद दो आर्मी की गाड़ियां आ गईं. फिर फायरिंग शुरू हो गई. तकरीबन 3.20 बजे से फायरिंग शुरू हुई और छह बजे तक होती रही.'
चश्मदीद ने कहा कि बहुत तेज एक धमाका हुआ. हमने समझा कि गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया है. उसके बाद ज्यादा फायरिंग शुरू हो गई तो हम समझ गए कि एनकाउंटर शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा कि यहां दुकान पर 10-12 लोग बैठे हुए थे. दोनों तरफ से फायरिंग चल रही थी इसलिए हम लोग बाहर निकले ही नहीं क्योंकि हमें गोली लग सकती थी. पूरन चंद ने कहा कि करीब पांच बजे तक दोनों तरफ से गोलियां चलती रहीं और फिर पौना घंटा रुक-रुक हो रही थी, वो एक तरफ से चल रही थी.
उन्होंने कहा कि इस दौरान वह लोग कांपते थे अंदर और बाहर नहीं निकल पा रहे थे, जो जवान शहीद हुए थे, उनको निकालने में उन्होंने आर्मी की मदद की. सोमवार को हुए इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए हैं. इस दौरान आतंकियों ने ग्रेनेड भी फेंका था.
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