Katihar Police Firing: बिहार के कटिहार में पुलिस फायरिंग की घटना को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कहा है कि प्रशासन को संयम रखना चाहिए था. इसी के साथ उन्होंने कहा कि सरकार को मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए.


एबीपी लाइव के साथ बातचीत में पूर्व सांसद ने कहा, ''पुलिस फायरिंग जो हुई और दो लोग मारे गए हैं, इसको तो किसी तरह से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है. पुलिस को संयम से काम लेना चाहिए था.''


'ये पंचायतों के जनप्रतिनिधि थे'


अली अनवर ने कहा, ''जैसे एसपी, डीएम का कहना है कि लोगों ने बंधक बना लिया था अधिकारियों को, तोड़फोड़ कर रहे थे कार्यालय में घुसकर, ये भी देखना चाहिए कि तमाम लोग जो बैठे, ये जनप्रतिनिधि थे, पंचायतों के जो प्रतिनिधि होते हैं... 36 या कितने पंचायतों के लोग बिजली कटौती को लेकर (प्रदर्शन) कर रहे थे.''


उन्होंने कहा, ''अभी कितनी गर्मी है... बारिश नहीं हो रही है, ऐसे में लोग आक्रोशित हो जाते हैं, आम जनता है, कई तरह की परेशानी हैं... पुलिस को गोली चलाने पर पैर के नीचे गोली चलानी चाहिए.''


'ऐसी कोई घटना तो रिपोर्ट नहीं हुई है कि...'


पूर्व सांसद ने कहा, ''ये (प्रशासन) कह रहे हैं कि लाठीचार्ज करने और तितर-बितर करने की कोशिश की गई, कई बार ऐसा होता है लेकिन उधर से कोई पत्थरबाजी या गोली चलाने की स्थिति तो थी नहीं. ये भी होता है कि कई प्रदर्शन में कई असामाजिक तत्व घुस जाते हैं और पुलिस पर भी फायरिंग करने लगते हैं तो ऐसी तरह की कोई घटना तो रिपोर्ट नहीं हुई है कि पुलिस पर किसी ने बम फेंका है या पुलिस पर पत्थर फेंका है या किसी को जलाने की कोशिश की है.''


सरकार को इसमें जांच करनी चाहिए- अली अनवर


उन्होंने कहा, ''मान लीजिए पुलिस तो अपना दामन बचाने के लिए नमक-मिर्च मिलाकर भी कह सकती है तो इसलिए मैं समझता हूं कि सरकार को इसमें जांच करनी चाहिए और देखना चाहिए कि एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस प्रशासन के साइड से क्या है.'' उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि पहले से जाहिर है कि बिजली कटौती चल रही थी तो धरना प्रदर्शन करने के लिए लोग आ गए, तो उसकी सूचना होगी. तो पहले से सुरक्षा का इंतजाम किया जा सकता था. बैरिकेड लगाया जा सकता था, और भी इंतजाम किया जा सकता था बातचीत से.''


26 जुलाई को हुई थी घटना


बता दें कि बुधवार (26 जुलाई) को कटिहार जिले में बारसोई थाने के अंतर्गत बिजली विभाग के पास बेहतर बिजली की मांग को लेकर भारी संख्या में लोग प्रदर्शन करने पहुंचे थे. पुलिस के मुताबिक, उग्र भीड़ को देखते हुए बिजली कर्मियों की जान बचाने और आत्मरक्षा में नियंत्रित और सीमित फायरिंग की गई. 


घटना में दो लोगों की गोली लगने से मौत हो गई. हालांकि, अधिकारियों ने शुक्रवार (28 जुलाई) को दावा किया की पुलिस की गोली से दोनों की जान नहीं गई है, बल्कि उन्हें किसी अज्ञात ने गोली मारी थी.


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