Kautilya Economic Conclave: इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ और वित्त मंत्रालय की साझेदारी में आयोजित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, “आज का ये कांक्लेव ऐसे समय में हो रहा है जब दो बड़े क्षेत्रों में युद्ध की स्थिति बनी हुई है. ये दोनों देश ग्लोबल इकॉनॉमी के लिए और खास तौर पर एनर्जी सेक्युरिटी के लिहाज से काफी अहम हैं."


'दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत'


प्रधानमंत्री ने इस बात पर रोशनी डाली कि दुनिया आज एक अनिश्चित दौर से गुजर रही है, लेकिन इसी बीच भारत अपने आत्मविश्वास और आर्थिक सामर्थ्य के कारण चर्चा में है. उन्होंने कहा, "दुनिया वैश्विक अनिश्चितता की स्थिति में है और हम यहां भारत के युग की चर्चा कर रहे हैं. यह दिखाता है कि भारत पर विश्वास कुछ अलग है और भारत का आत्मविश्वास भी कुछ विशेष है."


प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत की जीडीपी के अनुसार देश अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. यह भारत के आर्थिक विकास और उसकी वैश्विक स्थिति में हो रहे बदलाव का प्रत्यक्ष प्रमाण है.









आर्थिक विकास और भविष्य की योजनाएं


कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में उपस्थित अन्य विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने भी भारत के भविष्य की अर्थव्यवस्था और वैश्विक भूमिका पर चर्चा की. कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर विचार करना है, जिसमें विशेष रूप से वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और भू-राजनीतिक स्थिति पर जोर दिया गया है.


प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की आर्थिक सुधारों और विकासशील योजनाओं को भी सराहा और बोले, "भारत न केवल वैश्विक स्तर पर खुद को मजबूत कर रहा है बल्कि ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में है."






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