Kavita Krishnan: कविता कृष्णन ने CPIML के सभी पदों को छोड़ा, रूस-चीन समेत मोदी सरकार को लेकर उठाए सवाल
Kavita Krishnan Quits Party Posts: सीपीआई (एमएल) की पोलित ब्यूरो की सदस्य रहीं कविता कृष्णन ने फेसबुक पोस्ट के जरिए पार्टी के सभी पद छोड़ने का ऐलान किया था.
Kavita Krishnan Quits CPIML Posts: सीपीआई (एमएल) (CPIML) लिबरेशन के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक कविता कृष्णन (Kavita Krishnan) ने आज पार्टी के सभी पदों को छोड़ा. कविता कृष्णन ने आज इस बीच स्टालिन के शासनकाल में सोवियत संघ और वर्तमान चीनी सरकार (Chinese Government) समेत भारत की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Modi Government) को लेकर कई सवाल दागे.
बता दें कि वह पार्टी के शीर्ष निकाय पोलित ब्यूरो (Polit Buro) की सदस्य थीं. इसके अलावा वह दो दशक से अधिक समय तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन की केंद्रीय समिति की सदस्य भी रहीं. कविता कृष्णन ने इस बात की घोषणा की कि उनके अनुरोध पर पार्टी ने उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है.
फेसबुक पोस्ट के जरिए साधा निशाना
बता दें कि कविता कृष्णन ने पार्टी पद छोड़ने की मंशा जताते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी. इसमें उन्होंने कई प्रश्न उठाए थे. उन्होंने लिखा था कि फासीवाद के खिलाफ लोकतंत्र के लिए हमारी लड़ाई और भारत में बढ़ते अधिनायकवाद के सुसंगत होने के लिए, हमें दुनियाभर के सभी लोगों के लिए समान लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के अधिकार को स्वीकार करना चाहिए, जिसमें अतीत और वर्तमान के समाजवादी अधिनायकवादी शासन के विषय शामिल हैं. उन्होंने लिखा था कि मौजूदा जिम्मेदारियों के साथ इन राजनीतिक सवालों के जवाब तलाशना संभव नहीं है, इसलिए पद मुक्त होना चाहती हूं.
पार्टी छोड़ने को लेकर हुआ विवाद
दरअसल, कविता कृष्णन के भाकमा (माले) के सभी पदों से हटने को लेकर विवाद भी हुआ. पहले इस प्रकार की खबरें सामने आ रही थी कि पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन बाद पार्टी की ओर से ही इस पर सफाई दी गई. भाकपा (माले) ने स्पष्ट किया कि वरिष्ठ नेता कविता कृष्णन को पार्टी के पदों से हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्होंने खुद पद मुक्त करने का आग्रह किया था.
इसके बाद पार्टी ने उनका आग्रह मंजूर कर लिया है. भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने इस बात की जानकारी दी. बता दें कि पार्टी की पोलित ब्यूरो की सदस्य रहीं कविता कृष्णन ने एक सिंतबर को पार्टी के पद छोड़ने की ऐलान किया था. हालांकि, मीडिया में इस प्रकार खबरें सामने आईं, जिनमें उन्हें पार्टी के पदों से हटाए जाने की बात कही गई.
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