(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
KBM Chunavi Yatra: महंगाई और बढ़ती जनसंख्या से परेशान है हमीरपुर की जनता, यमुना के तट को सुधारने का बीड़ा भी उठाया
KBM Chunavi Yatra: अस्पताल एक बड़ा मुद्दा है, अच्छे डॉक्टर्स यहाँ आते नहीं हैं, अगर किसी का तबादला यहाँ हो भी जाता हैं तो वे कुछ ना कुछ कर के वहीं रुक जाते हैं
KBM Chunavi Yatra: उत्तर प्रदेश की सबसे कम आबादी वाले ज़िलों में से एक यमुना और बेतवा नदी के किनारे बसे हमीरपुर ज़िले का क्या हाल है. इसे जानने एबीपी हमीरपुर पहुंची. इस रिपोर्ट में बातएंगे की क्या हमीरपुर के लोगों की समस्या ख़राब सड़के हैं या महंगाई.
दिशा और देश बदलने का काम जनता हमेशा करती रही हैं लेकिन हमीरपुर की जनता एक ओर जहा देश बदल रही हैं वहीं दिशा भी निर्धारित कर रही हैं. दरअसल हमने देखा कि हमीरपुर की जनता ने खुद ही यमुना के तट को सुधारने का बीड़ा उठाया है. देशराज रचनाकर बताते हैं की "आज भी जनता मतदान को लेकर पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं. जनता सिर्फ इतना जानती हैं की हमें मतदान करना हैं लेकिन उसके पीछे उद्देश्य क्या हैं वो शयद उन्हें पता नहीं हैं.
स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति खराब
आम जनता का कहना हैं की "हमीरपुर में अस्पताल नहीं हैं, यहाँ कोई विकास नहीं हो रहा है. जितनी भी सरकार आई हैं कोई काम नहीं हुआ हैं. बस स्टैंड की हालत इतनी खरब हैं की एक बस भी नहीं मुड़ सकती है. यहां नेशनल हाईवे जिसमें रोज़ आदमी मर रहे हैं. लोगों के बच्चों की जान जा रही हैं लेकिन इस पर किसी नेता का ध्यान नहीं हैं. यहाँ डबल इंजन की सरकार चल रही हैं, केंद्र और उत्तर प्रदेश में एक ही सरकार हैं इनमे बस इच्छा शक्ति की कमी हैं चाहे तो क्या नहीं हो सकता हैं."
बता दें कि हमीरपुर उत्तर प्रदेश विधान सभा का एक निर्वाचन क्षेत्र है जो भारत के उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के हमीरपुर शहर को कवर करता है. हमीरपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2008 से, इस विधानसभा क्षेत्र की संख्या 403 निर्वाचन क्षेत्रों में से 228 है.
बढ़ती महंगाई से लोग परेशान
वहीं जिले के लोगों ने बताया कि बढ़ती महंगाई से भी लोग काफी परेशान हैं. चाय समोसा बेच रहे व्यक्ति ने बताया की महंगाई से कई लोग परेशान हैं. पहले यही समोसा 5 रुपये का था अब 15 रुपये में 2 समोसे मिलते हैं , ब्रेड पकोड़ा 10 रुपये का हो गया. सब चीज़ो के दाम बढ़ रहा है जिससे हमलोगों को सर्वाइव करना मुश्किल हो रहा है."
स्थानीय निवासी ने बताया की "अस्पताल एक बड़ा मुद्दा हैं, अच्छे डॉक्टर्स यहाँ आते नहीं हैं, अगर किसी का तबादला यहाँ हो भी जाता हैं तो वे कुछ ना कुछ कर के वही रुक जाते हैं. ज़्यादातर केस कहीं और उद्घृत कर दिए जाते हैं. रस्ते में हाईवे के कारण इतना जाम लगता हैं की मरीज़ यही दम तोड़ देते हैं. अवैध टोल वसूली भी की जाती हैं.
जनसँख्या नियंत्रण करना हैं जरुरी
वहीं इतिहासकार जलीस खान ने बताया की सरकारों ने कई योजनाए बनाई हैं लेकिन इसको ज़मीनी स्थल पर लाना और हर एक व्यक्ति तक पहुँचाना तब तक संभव नहीं हैं जब तक की सरकार भड़ती जनसँख्या को निरंतर में लाने का काम ना करे.
ये भी पढ़ें:
Coronavirus Cases Today: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 7774 नए केस दर्ज, 306 लोगों की मौत
Goa: बीजेपी विधायक ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर लगाए रिश्वत लेने के आरोप, जानिए क्या कहा है