हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. केसीआर कैबिनेट ने समय से पहले विधानसभा भंग कर चुनाव कराने का निर्णय लिया है. तेलंगाना की विधानसभा का कार्यकाल 2 जून 2019 तक था और तेलंगाना में चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होने थे. केसीआर थोड़ी देर में इस फैसले की जानकारी राज्यपाल को देंगे. केसीआर की पार्टी टीआरएस चाहती है कि तेलंगाना में चुनाव में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ कराए जाएं.





काफी पहले शुरू हो गई थी तैरारियां
बता दे कि चंद्रशेखर राव काफी दिनों से इस बारे में फैसला लोने की सोच रहे थे. इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई थीं. हाल ही में मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्य में मेगा रैली का आयोजन किया था. इसके साथ ही राज्य में बड़े पैमाने पर आईपीएस और आईएएस अधिकारियों का तबादला भी किया था. केसीआर ने टीआरएस के वरिष्ठ नेताओं से चुनाव चर्चा करके तैयारियों का जायजा लिया था. इस बातचीत के दौरान पार्टी के कैंपेन को लॉन्च करने से जुड़ी तैयारियों पर भी चर्चा की गई.


क्या है विधानसभा की स्थिति?
बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा की कुल 119 सीटें हैं. राज्य की वर्तमान स्थिति की बात करें तो तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के पास 90, कांग्रेस 13 और बीजेपी के पास 05 सीटें हैं.


जनता को फैसले की वजह बतानी पड़ेगी: बीजेपी
टीआरएस सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिंम्हा राव ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''चुनाव को लेकर फैसले लेने का अधिकार टीआरएस का है. लेकिन इन्हें राज्य जनता को बताना पड़ेगा कि चुनाव जल्दी क्यों कराए जा रहे हैं? कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से भयभीत है.''