KEA Ban Head Cover: कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (KEA) ने राज्य भर में 18 और 19 नवंबर को होने वाली विभिन्न बोर्ड और कोर्पोरेशन भर्ती परीक्षाओं के लिए ड्रेस कोड की घोषणा की है. इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि ऐसे आदेश मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए जारी किए जाते हैं.


उन्होंन बारामूला में मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह अफसोस की बात है. किसको क्या पहनने और क्या नहीं पहनने हैं, सरकार इसमें दखल क्यों दे रही है? ऐसे आदेश सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करने के लिए निकाले जाते हैं."


'कांग्रेस शासन में ऐसा आदेश आना निराशजनक'
उन्होंने कहा, "पहले कर्नाटक में बीजेपी की हुकूमत थी, इसलिए हमें इस तरह के ऑर्डर आने पर आश्चर्य नहीं हुआ. हालांकि, यह निराशाजनक है कि कांग्रेस शासन में भी ऐसे आदेश जारी किए जा रहे हैं. मैं कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से गुजारिश करूंगा कि कर्नाटक में यह जो आदेश जारी हुआ है, उस पर फिर से विचार करें."






'ब्लूटूथ डिवाइसों के इस्तेमाल को रोकने के लिए उठाया कदम'
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, केइए ने अपने आदेश में कहा है कि परीक्षा हॉल में कैंडिडेट्स को कोई भी ऐसे परिधान या कैप पहनने की इजाजत नहीं होगी जो सिर ढकते हैं या जिनसे मुंह या कान ढके हों. आदेश के मुताबिक, ऐसे ड्रेस पहनने वाले छात्रों को परीक्षा हॉल में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आदेश में कहा गया है कि यह कदम ब्लूटूथ डिवाइसों के इस्तेमाल से परीक्षा में होने वाली नकल को रोकने लिए उठाया गया है.
 
बोम्मई सरकार ने हिजाब पर लगाया था बैन
गौरतलब है कि बोम्मई सरकार ने स्कूलों और कॉलेज में हिजाब पर बैन लगा दिया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने कर्नाटक में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कक्षाओं में हिजाब प्रतिबंध पर राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा था.  सरकार के फैसले को लेकर काफी विवाद हुआ.


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