Kedarnath Temple Row: बाबा केदारनाथ से धोखा? 228 KG सोना, साजिश और शंकराचार्य का सनसनीखेज दावा
Kedarnath Temple: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोना लगाने के लिए मुंबई के एक बिजनेसमैन ने चंदा दिया था, जिसे लेकर पिछले साल मंदिर के वरिष्ठ पुजारी ने आरोप लगाया कि सोना पीतल में कैसे बदल गया.
Shankracharya Avimukteshwaranand Saraswati: जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार (15 जुलाई, 2024) को उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर में 228 किलो के सोने के घोटाले का दावा किया है. उन्होंने पूछा है कि इसकी जांच क्यों नहीं हुई. पिछले साल भी मंदिर में 125 किलो के सोने की लूट का मुद्दा उठाते हुए वरिष्ठ पुजारी ने सवाल किया था कि सोना पीतल में कैसे बदल गया. उन्होंने श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर कमेटी (BKTC) और प्रशासन पर 125 करोड़ के घोटाले में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए थे.
मंदिर के वरिष्ठ पुजारी और चार धाम महापंचायत के वाइस प्रेसिडेंट संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया था कि गर्भगृह में लगे सोने की जांच नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले मंदिर के गर्भगृह को सोने से कवर करने का काम हुआ था, लेकिन जब गर्भगृह में जाकर देखा तो यह पीतल में बदला हुआ मिला. उन्होंने सवाल किया कि सोने की जांच क्यों नहीं की गई थी, इसके लिए कौन जिम्मेदार है.
केदारनाथ के गर्भगृह के लिए मुंबई के बिजनेसमैन ने दिया था सोना
संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया, 'यह केदारनाथ में सोने के नाम पर 125 करोड़ रुपये का घोटाला है. यह भक्तों की भावनाओं के साथ धोखा है.' हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह 125 करोड़ के घोटाले के अनुमान कैसे लगा रहे हैं. साल 2022 में मंदिर के गर्भगृह में लगी चांदी को सोने से बदलने के लिए मुंबई के एक बिजनेसमैन ने चंदा दिया था.
बीकेटीसी ने केदारनाथ के पुजारी के आरोपों पर क्या कहा?
पुजारी के इन आरोपों को बीकेटीसी ने साजिश करार देते हुए कहा था कि इसी बिजनेसमैन ने साल 2005 में बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोना लगाए जाने के लिए भी दान दिया था, लेकिन केदारनाथ मंदिर को लेकर लगाए जा रहे आरोप सोची-समझी साजिश है. उन्होंने इसमें राजनीतिक दलों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से सुव्यवस्थित तरीके से यात्रा कराई जा रही है, जिसकी वजह से भक्तों की संख्या भी बढ़ रही है और कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा है. इस वजह से ये लोग यात्रा और केदारनाथ को लेकर गलतफहमी फैला रहे हैं.
कमेटी ने यह भी साफ किया कि डोनर बिजनेसमैन को बद्रीनाथ-केदारनाथ टेंपल कमेटी एक्ट, 1939 के प्रावधानों के अंतर्गत अनुमति दी गई. कमेटी ने कहा कि डोनर ने बताया कि बहुत समय से उनकी यह इच्छा थी कि वह केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को सोने से कवर करवाएं. कमेटी ने यह भी कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की निगरानी में केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने का कार्य पूरा किया गया है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने क्या लगाया आरोप?
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का आरोप है कि केदारनाथ मंदिर का 228 किलोग्राम सोना गायब कर दिया गया है, जिसकी आज तक कोई जांच नहीं हुई. उनका यह भी कहना है कि मंदिर में सोने के घोटाले का मुद्दा क्यों नहीं उठाया जाता है. उनका यह बयान उत्तराखंड के केदारनाथ की तर्ज पर दिल्ली में बनाए जा रहे मंदिर को लेकर आया है. उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाए जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनवाया जा रहा है.