श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेताओं ने कल रात राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है. नेताओं के साथ इस बैठक में राज्यपाल ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदम को अन्य मुद्दों से जोड़ने से जम्मू-कश्मीर में भय व्याप्त हुआ है. राज्यपाल ने कहा है कि अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़कर ‘अनावश्यक भय’ पैदा किया जा रहा है.
‘अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों’ पर भरोसा ना करें- राज्यपाल
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और ‘अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों’ पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन और इमरान रजा अंसारी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की थी.
सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा
राजभवन से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जारी किए परामर्श समेत दिन में हुए घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में भय की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताई. सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है. बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल मलिक ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के संबंध में गंभीर और विश्वसनीय सूचनाएं हैं. इस संदर्भ में सरकार ने परामर्श जारी कर यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है.’’
शांति बनाए रखें- नेताओं से राज्यपाल
मलिक ने कहा कि इस कदम को अन्य सभी तरह के मुद्दों से जोड़कर ‘अनावश्यक भय’ उत्पन्न किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘विशुद्ध रूप से सुरक्षा के नजरिये से उठाए गए इस कदम को उन मुद्दों से जोड़ा जा रहा है जिसका इससे कोई संबंध नहीं है. यही भय की वजह है.’’ उन्होंने नेताओं से अपने समर्थकों से मामलों का घालमेल ना करने, शांति बनाए रखने और अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया.
बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल ने बारामूला में कल और उससे एक दिन पहले श्रीनगर में अनुच्छेद 35ए पर मामलों को खुद सफाई दी थी.’’ मलिक नेबारामूला और श्रीनगर में कहा था कि जम्मू कश्मीर को विशेष शक्तियां देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए को रद्द करने की कोई योजना नहीं है.
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