नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मध्यप्रदेश में चुनावी बिगुल फूंकते हुए घोषणा की कि इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल दल की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे. केजरीवाल ने यहां पार्टी के राज्यस्तरीय पदाधिकारी सम्मेलन में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में अग्रवाल के नाम पर औपचारिक मोहर लगायी.


51 वर्षीय अग्रवाल आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं. वह जनवरी 2014 में आप में शामिल होने से पहले गैर सरकारी संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के लिये भी काम कर चुके हैं. उन्होंने वर्ष 1989 में आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. की उपाधि हासिल की थी. इस मौके पर अग्रवाल ने मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के लिये पार्टी का घोषणा पत्र भी जारी किया. खास बात यह है कि इसे बाकायदा 100 रुपये के स्टाम्प पत्र पर नोटरीकृत हलफनामे के रूप में जारी किया गया. चुनावी घोषणा पत्र के 30 सूत्रीय वादों में सूबे के किसानों का सम्पूर्ण कर्ज माफ किया जाना, कृषि क्षेत्र के लिये मुफ्त बिजली, युवा रोजगार सुरक्षा कानून का निर्माण और बेरोजगारों को 1500 रुपये से 3000 रुपये प्रति माह का जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाना प्रमुख हैं.

इस बीच, केजरीवाल ने पार्टी के सम्मेलन के दौरान मध्यप्रदेश में पिछले 15 साल से सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में शासकीय स्कूलों की हालत बेहद खराब है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने खुला प्रस्ताव रखता हूं कि हम उन्हें सिखा सकते हैं कि सरकारी स्कूलों की हालत कैसे सुधारी जाती है. इस काम के लिये मैं दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को कुछ समय के लिये मध्यप्रदेश भेजने को भी तैयार हूं." उन्होंने चौहान को चुनौती भी दी कि वह शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पेयजल जैसे विषयों पर मध्यप्रदेश की 15 साल पुरानी भाजपा सरकार और दिल्ली की तीन साल पुरानी ‘आप’ सरकार की योजनाओं पर उनसे सार्वजनिक मंच पर बहस करें. केजरीवाल ने दावा किया कि मध्यप्रदेश के आम नागरिकों को दिल्ली के मुकाबले करीब तीन गुना अधिक दरों पर बिजली आपूर्ति की जा रही है.