(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली: अवैध कॉलोनियों को वैध करने में सीएम केजरीवाल और केंद्र में रजामंदी
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अवैध कॉलोनियों को वैध करना उनके प्राथमिक मुद्दों में से एक था जिस पर अब केंद्र और दिल्ली सरकार में रजामंदी हो चुकी है.
नई दिल्लीः केजरीवाल सरकार ने अपने सत्ता में आने के कुछ महीने बाद अक्टूबर 2015 में दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद शुरू की थी जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा था. लेकिन केंद्र के मुताबिक कुछ सवालों के जवाब केजरीवाल ने केंद्र को नहीं दिए थे जिसके चलते मामला अभी तक लंबित था. हालांकि अब दोनों में रजामंदी होने के बाद ये प्रस्ताव स्वीकार होता दिखाई दे रहा है.
सुझाव के साथ केजरीवाल ने प्रस्ताव पर दिए कमेंट अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया अवैध कॉलोनियों को वैध करना उनके प्राथमिक मुद्दों में से एक था. जिस पर अब केंद्र और दिल्ली सरकार में रजामंदी हो चुकी है. केंद्र ने केजरीवाल सरकार से प्रस्ताव पर 15 दिन के अंदर कमेंट देने के लिए कहा था. जिसपर केजरीवाल ने महज 7 दिनों के अंदर अपने कमेंट दे दिए हैं. इसके साथ ही केंद्र को कुछ सुझाव भी अरविंद केजरीवाल ने अपनी तरफ से दिए हैं.
जो सुझाव केजरीवाल ने दिए हैं-
1. 31 मार्च 2019 तक जिन कॉलोनियों का विकास 50 प्रतिशत तक हो चुका है सिर्फ उन्हें ही वैध किया जाए.
2. 30 जून 2019 तक जिन लोगों ने अपनी प्रोपर्टी का GPA कराया वो मान्य हो.
3. एफ्लुएंट कॉलोनियों को बाहर रखा है जिसका कोई औचित्य नहीं है, इसलिए उन्हें भी वैध किया जाए.
4. कुछ लोगों के पास जमा करने लायक रकम नहीं होगी, ऐसे में तत्काल लोन की व्यवस्था की जाए.
5. हमने जो नक्शे दिए हैं उसके आधार पर रजिस्ट्री खोल दी जाएं.
6. O जोन में बहुत अवैध कॉलोनी हैं, इसलिए यमुना के बंद के अंदर की कॉलोनियों को वैध न किया जाए. लेकिन जो कॉलोनियां यमुना के बंद से बाहर हों उन्हें वैध किया जाए.
7. इन कॉलोनियों में जो सरकारी जमीन हो वो दिल्ली सरकार को कैटेगरी 2 के रेट पर दे दी जाए ताकि वहां पार्क और बाकी सरकारी डेवलपमेंट हो सके.
8. कॉलोनियों में अगर दुकानें हैं तो उसे मिक्स लैंड घोषित किया जाए.
9. डेवलपमेंट कंट्रोल नॉर्म्स कच्ची कॉलोनियों के लिए लिबरल होंगे.
कॉलोनियों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है
अवैध से वैध की श्रेणी में शामिल होने जा रही कॉलोनियों को तीन कैटेगरी में रखा गया है-
1.सरकारी जमीन
2.खेती के लिए जमीन
3.प्राइवेट लैंड
इसमे जो पहली और दूसरी कैटेगरी है (यानी कि सरकारी जमीन और खेती के लिए जमीन) उसमें जमीन उसी को दी जाएगी जिसके पास फाइनल कब्जा होगा. जिसमें कब्जा रखने वाले को उस जमीन का कुछ पैसा और पेनाल्टी देना होगी. लेकिन जो तीसरी कैटेगरी की जमीन है जो कि प्राइवेट लैंड है उसमें कोई पेनाल्टी नहीं देना होगी.
पहले फेज में 1797 कॉलोनियों को किया जाएगा वैध बता दें कि पहले फेज में 1797 कॉलोनियों को वैध किया जाएगा और दूसरे फेज में जो उन कॉलोनियों को वैध किया जाएगा जो पहले फेज में वैध नहीं हो पाई थी. साथ ही जो रूरल विलेज होंगे उन्हें अर्बन घोषित किया जाएगा.