नई दिल्लीः आज दिल्ली को पूर्ण राज्य की मांग को लेकर आदमी पार्टी का इंदिरा गांधी स्टेडियम में महासम्मेलन हो रहा है. इस सम्मेलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत सभी सासंद, मंत्री और विधायक मौजूद हैं. इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का दुर्भाग्य रहा है कई दशकों से दिल्ली गुलाम रही है. पहले मुगलों की गुलाम थी, फिर अंग्रेज़ो की गुलाम रही और आज एलजी की गुलाम है. जिस दिन दिल्ली को पूरी आजादी मिलेगी उस दिन आज का दिन याद किया जाएगा. दिल्ली को यूनियन टेरेटरी के नाम पर जनतंत्र से वंचित रखा जा रहा है. दिल्ली में जनता का शासन लागू नहीं हो पाया. पहले अंग्रेज़ो का राज था अब एलजी का राज है. हर राज्य में लोग वोट डालकर अपनी सरकार चुनते हैं पर दिल्ली वालों को कहा गया कि सरकार कोई भी चुनो चलेगी एलजी की ही


दिल्ली के सीएम ने कहा कि चार महीने से दिल्ली के अफसरों ने हड़ताल कर नहीं रखी थी बल्कि हड़ताल करवा रखी थी. उन लोगों की हड़ताल तुड़वाने के लिए मैं 5 बार एलजी से मिला. हम लोग अपनी मांगें लेकर 9 दिन तक सोफे पर बैठे रहे. मैं अपने बच्चों की नौकरी नहीं लगवाने गया था. दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अधिकार मांगने गया था.


केजरीवाल ने इसके आगे कहा कि उनकी कोई औकात नही है. हम लोग बहुत मामूली हैं, हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों की तरफ से उनका हक मांगने गए थे पर एलजी हमसे नहीं मिले. उन्होंने दो करोड़ लोगों की बेइज़्ज़ती की है. 2019 में लोग बटन दबाकर इनसे बदला लेंगे. आज अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो किसी गवर्नर की हिम्मत है कि वो अपने सीएम से मिलने से मना कर दे.


हम राशन में करप्शन खत्म करना चाहते हैं. हम आपका राशन बोरी में पैक कर आपको देंगे. आपको कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है. दिल्ली सरकार से कोई आपका राशन देकर चला जायेगा. दिल्ली की जनता राशन की डोर स्टेप डिलीवरी होनी चाहिए लेकिन एलजी कहते हैं नहीं करने दूंगा. अब जनता ही बताए कि एलजी की चलनी चाहिए या जनता की?


हमने पूरी दिल्ली में 150 मोहल्ला क्लीनिक बनाये. उसमें सब कुछ फ्री है. पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है. 6 सितंबर को दुनिया के बड़े नेता दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक देखने आ रहे हैं. कोफी अन्नान 6 सितंबर को आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये मोहल्ला क्लीनिक जो आपने बनाया है ये पूरी दुनिया मे लागू होना चाहिए.


केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली में हमारी मां बहनों की किसी को कोई चिंता नहीं है. दिल्ली में सीसीटीवी नहीं लगने दे रहे हैं. दिल्ली के स्कूल, अस्पतालों, डीटीसी आदि कच्चे में काम कर रहे हैं. हमारी सरकार बनते ही 4 महीनों में पक्का करने का प्रस्ताव दिया लेकिन एलजी साहब ने उसे भी रोक दिया.


आपने वोट केजरीवाल को दिया था या एलजी को? तो फिर ये एलजी कहां से आ गया. बाहर के राज्यों ने दिल्ली को अपना घर बनाया. जितनी नौकरियां निकलती हैं उनमें दिल्ली के मतदाताओं के लिए 85 फीसदी आरक्षण होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए?


मैं राजनाथ सिंह से पूछना चाहता हूं अगर मंडावली में कोई घटना हो जाये तो क्या आपको पता है मंडावली कहां है? मंडावली की समस्या वहां का विधायक ही हल कर सकता है. केजरीवाल ने दावा किया कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिलते ही हम दिल्ली को अपराध मुक्त करके दिखा देंगे.


केंद्र सरकार हमें कोई पैसा नहीं देती. केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों से एक लाख 20 हज़ार करोड़ टैक्स लेती है. बदले में केंद्र सरकार 325 करोड़ रुपए देती है. अगर दिल्ली यूनियन टेरेटरी है तो दूसरे से दोगुने पैसे दो दिल्ली को. इतना तो दिल्ली को अंग्रेज भी नहीं लूटते थे जितना ये लूटते हैं.


इसके अलावा दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने जिस ज़मीन पर दफ्तर बनाया वो स्कूल के लिए ज़मीन थी.अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो ऐसी बहुत ज़मीनों पर स्कूल कॉलेज खोलते.'हमने दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए एक हेल्पलाइन खोली है. इस हेल्पलाइन से लोग जुड़ेंगे. इसके अलावा दिल्ली के 10 लाख परिवारों तक चिट्ठी लेकर जानी है. जनता इतना याद दिला दें कि 2014 के घोषणा पत्र में पूर्ण राज्य का वादा किया गया था.


पहले एलजी हाउस वायसराय हाउस होता था. हमें धरने के दौरान गांधी जी की याद आ रही थी. उन्होंने गांधी जी को अफ्रीका की ट्रेन से निकाले जाने का किस्सा सुनाते हुए कहा कि गांधी जी ने इसके खिलाफ धरना दिया और फिर उन्हें सम्मान के साथ डिब्बे में बैठाया गया.


मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि हमने एलजी से कहा कि अपना हक मांगने आये हैं लेकिन एलजी ने कहा कि गन पॉइंट पर नहीं कर सकते. हमने हाथ जोड़कर आवेदन किया. ईद आयी जब दुश्मन भी गले मिलते हैं तब भी एलजी नहीं आये. आज अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो बहुत फायदा हो रहा होता लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. दिल्ली की चुनी हुई सरकार अपने लिए एक यूनिवर्सिटी नहीं बना सकती. इस स्थिति को बदलने के लिए हम दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए हरसंभव काम करेंगे.