नई दिल्लीः दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया. ये देश का पहला विषम डिजाइन वाला केबल ब्रिज है. सीएम केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि आज से पहले किसी भी उद्घाटन में इतने लोग कभी नही आये होंगे. इसी पता चल रहा है दिल्ली के लोग कितने खुश हैं. दिल्ली को बधाई. अब कोई भी टूरिस्ट भारत आएगा तो उसकी लिस्ट में पहले या दूसरे नम्बर पर सिग्नेचर ब्रिज होगा. दुनिया मे जितने भी ब्रिज हैं उनमें ये सबसे ऊंचा ब्रिज है.
केजरीवाल ने सरदार पटेल की मूर्ति का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई गई जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है. आप बताइए हमे पुलों की जरूरत है या मूर्तियों की. अगर भारत को आगे बढ़ना है तो साइंस टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग से ही बढ़ पायेगा. ये पुल इंजीनियरिंग का चमत्कार है. जब जब मैं इस पुल के बारे में सोचता हूं मुझे जवाहरलाल नेहरू की याद आती है. आजादी के बाद देश पिछड़ा हुआ था. हमारा देश भाग्यशाली है कि जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री बने. उन्होंने बीएचईएल बनाया, आईआईटी बनाए, डिफेंस रिसर्च सेंटर बनाया. एटॉमिक रिसर्च सेंटर बनाया. अगर वो मंदिर बनाते तो क्या देश का विकास हो पाता. अगर आईआईटी खड़कपुर की जगह स्टेच्यू बना देते तो क्या देश का विकास हो पाता.
केजरीवाल ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने एम्स बनाया जो कि देश का सबसे बड़ा अस्पताल है. देश का दूसरा सबसे बड़ा हॉस्पिटल हम बनवाने जा रहे हैं. मंदिर और मूर्ति बनाने से तरक्की नहीं होगी. स्कूल और ब्रिज बनाने से होगी.
देश की जनता को अब तय करना होगा कि अच्छे पुलों की ज़रूरत है या मूर्तियों की- ये पुल मनीष सिसोदिया की वजह से बन पाया है क्योंकि ये हर हफ्ते इसके लिए आते थे. जितनी तेजी से फाइलों पर काम किया उस वजह से ही ये पुल बन पाया है वर्ना इसके लिए धमकियां दी गईं और अफसरों से साइन करवाया गया. केवल एक वजह से ये पुल बन पाया क्योंकि दिल्ली में ईमानदार सरकार है.
देश की तरक्की होगी जब हर गांव में मोहल्ला क्लिनिक बनेगा. आधुनिक भारत तब बनेगा जब रिसर्च इंस्टीट्यूट बनेगा. स्कूल बनेगा. इनके चक्कर में मत पड़ना. अगर ये ऐसे ही करते रहे तो आपका बच्चा इंजीनियर नहीं किसी मंदिर मस्जिद का पुजारी बन जाएगा. इन्होंने देश को मंदिर और मूर्ति में उलझा दिया है. ये जब वोट मांगने आये तो पूछना कि कितने ब्रिज बनाये, कितने स्कूल बनाये. तब वोट देना. केजरीवाल ने कहा कि ये लोग धर्म के नाम पर उलझाते रहेंगे. अगर इनके हिसाब से चलोगे तो बच्चे इंजीनियर की जगह पुजारी बन जाएंगे.
इसके अलावा इस सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन के मौके पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी संबोधित किया और कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार कोई इमारत बनी है जिसे सरकार ने बनवाया है. मुगलों ने लालकिला बनवाया. अंग्रेजों ने इंडिया गेट बनवाया. आजाद भारत मे पहली बार दिल्ली में किसी सरकार ने ऐसी इमारत बनवाई है.
इस जमीन के नीचे अलग तरीके का पत्थर था. जिसकी वजह से पुल की नींव कभी भी खिसक सकती थी. इसको हटाने में 300 करोड़ एक्स्ट्रा लगे. 2012 तक सिर्फ कागजों में काम हुआ. हमारी सरकार आयी तब जा कर काम शुरू हुआ. डेढ़ साल तक फाइल यहां से वहां घूमती रही. मुझे अफसोस हुआ. मैंने लिखा की हम सिग्नेचर ब्रिज बना रहे हैं या ब्रिज ऑफ सिग्नेचर बना रहे हैं.
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि मोदी जी की तरफ से आदेश है कि इस पुल का उद्घाटन मौजूदा सरकार में नही होना चाहिए. अगर मोदी जी ने एक इंच का भी योगदान दिया होता तो मैं खुद मोदी मोदी के नारे लगाता. पर मोदी जी के तरफ से अफसरों और इंजीनियरो को धमकी दी गई. मुझे धमकी दी गई.
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