दिल्ली में सीसीटीवी लगाने से जुड़े फाइल को रोकने के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल आगबबूला नजर आए और एलजी से लेकर बीजेपी तक को औकात बता देने की चेतावनी दे दी. दरअसल केजरीवाल दिल्ली के बवाना में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. लेकिन उससे पहले बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए जिसके बाद केजरीवाल आपा खो बैठे.
कल शनिवार को बवाना में एक सभा में में केजरीवाल ने एलजी पर आरोप दोहराए कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सीसीटीवी लगने से रोकने के लिए फाइलों को क्लियरेंस नहीं दी. इसी सभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से काले झंडे दिखाने पर आपा खो दिया. केजरीवाल ने विरोध कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को कहा कि अगर वो दिल्ली की जनता से उलझेंगे तो बीजेपी को जनता जूते मारेगी. वहीं इस पर बीजेपी ने कहा कि ये तानाशाह केजरीवाल का असली चेहरा है.
बीजेपी कह रही है कि यही केजरीवाल का असली रूप है. सिर्फ बीजेपी पर ही नहीं केजरीवाल एक बार फिर दिल्ली के एलजी पर भी बरसे और कहा कि वो अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे.
गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली में सीसीटीवी लगाने को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जब सीसीटीवी लगने ही वाले थे तभी एलजी ने बिना सरकार से विचार किए कमेटी बना दी. केजरीवाल ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाक़ात का भी समय मांगा है.
वहीं आज उपराज्यपाल की तरफ से कहा गया कि पिछले 3 सालों के दौरान केजरीवाल सरकार ने सीसीटीवी लगाने का जो वादा किया था वह पूरा नहीं किया और वह उपराज्यपाल के ऊपर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने सीसीटीवी लगाने वाली फाइल पर रोक लगा दी है.
उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार की सीसीटीवी से संबंधित कोई फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी ही नहीं गई. जबकि मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है कि उपराज्यपाल ने सीसीटीवी वाले फैसले पर रोक लगा दी है यह दुर्भाग्यपूर्ण है.