नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने दिल्ली में रह रहे बेघर लोगों के लिए 2025 तक तीन चरणों में 89,400 फ्लैट बना कर देने का निर्णय लिया है. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में यह फ्लैट 237 एकड़ ज़मीन में बनाए जाएंगे. पहले चरण में 41,400, दूसरे चरण में 18,000 और तीसरे चरण में 30,000 फ्लैट्स का निर्माण किया जाएगा. पहले चरण में बनाए जाने वाले 41,400 फ्लैट की अनुमानित लागत 3,312 करोड़ रुपए है. हर फ्लैट पर करीब 8 लाख रुपए की लागत आएगी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में रह रहे बेघर लोगों को फ्लैट देने की योजना के उद्देश्य से आज दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के साथ एक अहम बैठक की. इस बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन, शहरी विकास विभाग की मुख्य सचिव रेनू शर्मा, बोर्ड के सदस्य बिपिन राय समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को तय समय सीमा के अंदर कंसल्टेंट नियुक्त करने समेत अन्य आवश्यक दिशा निर्देश दिए. बैठक के मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों चरणों में फ्लैट निर्माण का कार्य 2022 से 2025 तक पूरा करना है. हमें प्रयास करना है कि इन फ्लैट का निर्माण तय समय सीमा से पहले कर दिया जाए, ताकि बेघर लोगों को जितनी जल्दी हो सके राहत पहुंचाई जा सके. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को समय-समय पर योजना की प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट भी देने का निर्देश दिया है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ पॉलिसी दिल्ली सरकार की प्रमुख पॉलिसी में से एक है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेघर लोगों के इन-सीटू पुनर्वास के लिए EWS फ्लैट का निर्माण समय सीमा में पूरा किया जाए, ताकि हम दिल्ली में हर बेघर को आश्रय प्रदान कर सकें.
बैठक में DUSIB की ओर से मुख्यमंत्री के सामने बेघर लोगों को फ्लैट बना कर देने से लेकर उसमें शिफ्ट करने तक का पूरा खाका पेश किया गया. मीटिंग में बेघर लोगों के लिए तीन चरणों में 89,400 फ्लैट बनाने का निर्णय लिया गया. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि यह फ्लैट 237 एकड़ ज़मीन में तीन चरणों मे बनाए जाएंगे. पहले चरण में 41,400 फ्लैट बनाए जाएंगे. यह 41,400 फ्लैट दिल्ली सरकार के पास वर्तमान में उपलब्ध खाली जमीन पर बनाए जाएंगे. दूसरे चरण में 18,000 फ्लैट बनाए जाएंगे.
इसके लिए दिल्ली सरकार के पास जो जमीन उपलब्ध है, अभी उस जमीन का लैड यूज दूसरी कटेगरी में है, इसलिए सरकार एमसीडी से पहले उस जमीन का लैंड यूज बदलवाएगी और इसके बाद इन फ्लैट्स का निर्माण कराएगी. वहीं, दो चरणों में तैयार किए गए 59,400 फ्लैट में पहले बेघर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. उनके शिफ्ट होने के बाद जो जमीन खाली होगी, उसमें तीसरे चरण के तहत 30,000 फ्लैट बनाए जाएंगे. तीनों चरण में फ्लैट निर्माण का कार्य 2022 से 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा.
DUSIB सदस्य बिपिन राय ने बताया कि पहले चरण में 41,400 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए जाएंगे, इसके लिए DUSIB के पास 221 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जिसमें से वर्तमान में 115 एकड़ भूमि पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण करने के लिए विचार किया जा रहा है. सावधा घेरवा में भी 106 एकड़ जमीन है, जिसे बाद में ले लिया जाएगा. यह भी निर्णय हुआ कि फ्लैटों के निर्माण के लिए जल्द से जल्द आर्किटेक्ट कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी. आर्किटेक्ट कंसल्टेंट की नियुक्ति अगले दो महीने में करने का निर्णय लिया गया है, ताकि योजना को गति दी जा सके.
बिपिन राय के मुताबिक इसके बाद प्रस्तावित फ्लैटों की ले-आउट योजनाओं की स्वीकृति दी जाएगी. यह सभी फ्लैट बहुमंजिला होंगे. इसका एफएआर 400 और प्रति हेक्टेयर घनत्व 900 डी.यू. होगा. प्रत्येक 8000 घरों में पांच अलग-अलग टेंडर होंगे. ईपीसी अनुबंध और काम के आवंटन के लिए निविदाएं ली जाएंगी. यह प्रक्रिया आगामी तीन महीने (31 मार्च 2021) तक पूरा कर ली जाएगी. जिस एजेंसी को फ्लैट निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उसे अनुबंध के 24 महीने यानि 31 मार्च 2023 तक निर्माण कार्य पूरा करना होगा. इन फ्लैटों की अनुमानित लागत करीब 3312 करोड़ रुपए है और प्रत्येक फ्लैट को बनाने में करीब 8 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.
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