MCD Election: हार के बाद निशाने पर केजरीवाल, आगे की राह हुई मुश्किल
नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी 270 में से महज 48 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई. एमसीडी चुनाव में मिली यह करारी हार अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका है. आपको बता दें कि दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में आप 70 में से 67 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
एमसीडी चुनाव में मिली इस करारी हार के बाद केजरीवाल के खिलाफ उनकी पार्टी के अंदर से भी आवाजें उठने लगी हैं. एमसीडी चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद जब केजरीवाल समेत पार्टी के कई नेता EVM में गड़बड़ी की बात कह रहे थे, तभी केजरीवाल को उनके करीबी साथियों ने ही सच का अहसास करवा दिया.
पार्टी के अंदर उठने लगी हैं आवाजें
दिल्ली में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए दिलीप पांडे ने दिल्ली में आप के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया, तो वहीं चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा ने इस्तीफे की पेशकश करके आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस हार के बाद पार्टी के सांसद भगवंत मान भी अलग तेवर में दिखाई दे रहे हैं. दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने भी पार्टी लाइन से अलग कहा कि यह इस बात समझने का दिन है कि आखिर क्यों दो साल के बाद ऐसी स्थिति आ गई है.
केजरीवाल के किले में लगी सेंध
जिस दिल्ली को अपना किला समझते थे एमसीडी चुनाव के नतीजों ने उसमें भी सेंध लगा दी है. आप की हालत इतनी खस्ता रही कि एमसीडी के चुनाव में पार्टी के 40 उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई. इस हार के बाद केजरीवाल बीजेपी से लेकर अन्ना हजारे तक के निशाने पर आ गए है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि ये दिल्ली है जिसको उठाना जानती है तो उसे पटकना भी जानती है. तो वहीं अन्ना हजारे ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी कथनी के मुताबिक करनी नहीं रही इस कारण लोगों का विश्वास कम हो गया.
नतीजों का पहले से था अनुमान
हमेशा आक्रामक तेवर में रहने वाले केजरीवाल को शायद इन नतीजों का अनुमान पहले से ही था. तमाम एक्जिट पोल जब दिल्ली में बीजेपी की जीत की कहानी कह रहे थे तो केजरीवाल ने एक बैठक में कहा था कि अगर हम हार जाते हैं तो तो ईंट से ईंट बजा देंगे.
एमसीडी चुनाव के नतीजों के बाद से ही केजरीवाल सामने भी नहीं आए. हालांकि उन्होंने तीनों नगर निगम में जीत के लिए बीजेपी को बधाई दी और कहा कि उनकी सरकार एमसीडी के साथ मिलकर काम करेगी.
केजरीवाल के लिए आगे की राह है मुश्किल
अब केजरीवाल की पार्टी की राह अब दिल्ली में आसान नहीं. बीजेपी ने उन्हें दिल्ली में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया है. एमसीडी की हार के बाद दिल्ली विधानसभा में भी केजरीवाल के लिए खतरे की घंटी बज रही है. इसकी वजह है उनके 21 विधायकों पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का केस. माना जा रहा है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी लिए बिना अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने के मामले में केजरीवाल सरकार को झटका लग सकता है.