Kendriya Vidyalaya Quota Scrapped: केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोटा प्रथा को खत्म कर दिया है. केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इसको लेकर संशोधन के साथ नई गाइडलाइन्स भी जारी कर दी हैं. जो कोटा खत्म किए गए हैं उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित प्रवेश से जुड़े करीब आधे दर्जन कोटे शामिल हैं.
कोटे से मुक्त हुईं 40 हजार सीटें
केंद्रीय विद्यालय में इस कोटे से भरी जाने वाली करीब 40 हजार सीटें मुक्त हो गई हैं. इनमें हर साल करीब 8 हजार सीटें सांसदों की सिफारिश से भरी जाती थीं. प्रत्येक सांसद को 10 सीटों का कोटा दिया गया था. विशेष कोटे से भरी जाने वाली ये सीटें स्कूलों में निर्धारित क्षमता के अतिरिक्त होती थीं. ऐसे में इस प्रवेश से केवी की गुणवत्ता सहित छात्र-शिक्षक अनुपात और कई अन्य मानक प्रभावित हो रहे थे.
प्रधानमंत्री ने कोटा खत्म करने को कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कोटे की प्रथा को खत्म करने के लिए कहा था. इसके बाद सबसे पहले खुद शिक्षा मंत्री ने अपना कोटा खत्म किया साथ ही केंद्रीय विद्यालय संगठन को प्रवेश से जुड़े विशेष कोटे की समीक्षा करने को कहा. केवीएस ने बीते दिनों कोटे पर रोक लगाने के साथ ही मामले की समीक्षा का फैसला लिया था. केवीएस ने मंगलवार को प्रवेश से जुड़े विशेष कोटे को खत्म करने के साथ ही प्रवेश को लेकर संशोधित गाइडलाइन भी जारी कीं.
कोटे की प्रथा खत्म, बढ़ेगी केंद्रीय विद्यालयों की गुणवत्ता
माना जा रहा है कि ये पहल से केंद्रीय विद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार आएगा और इसमें सुधार आएगा. साथ इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को लागू करने में भी सहूलियत होगी. देश में अभी करीब 1250 केंद्रीय विद्यालय हैं. इनका संचालन शिक्षा मंत्रालय की ओर से किया जाता है. इन विद्यालयों की स्थापना मूलरूप से केंद्रीय कर्मचारियों जिनमें सेना, रेलवे आदि के लोग शामिल हैं उनके लिए की गई थी.
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