Suresh Gopi: केरल में बीजेपी के इकलौते सांसद सुरेश गोपी ने केरल विधानसभा में राज्य का नाम बदलने के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है. यह उनकी इच्छा और अधिकार है और वे ऐसा करेंगे. अगर यह वैध है, तो ऐसा होगा. यह चर्चा का विषय नहीं है. बीजेपी सांसद और केंद्र में मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि अधिकारी केरल के लोगों की इच्छा का ख्याल रखेंगे. इस बीच आपातकाल के बारे में उन्होंने कहा, "यह सबसे बड़ा धब्बा है.


दरअसल, कल केरल विधानसभा ने केंद्र सरकार से राज्य का नाम ‘केरल’ से बदलकर आधिकारिक तौर पर 'केरलम' करने का अनुरोध किया था. इसके लिए बीते सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया. जिसमें राज्य विधानसभा ने दूसरी बार यह प्रस्ताव पारित किया है. हालांकि, इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले वाले प्रस्ताव की समीक्षा करने के बाद कुछ तकनीकी बदलाव करने का सुझाव दिया था.


CM विजयन ने केंद्र से की केरल का नाम बदलने की अपील


केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पेश किया था. सीएम विजयन का कहना है कि केंद्र सरकार देश के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में दक्षिणी राज्य का नाम 'केरल' से बदलकर 'केरलम' किया जाए. उन्होंने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा था कि प्रदेश को मलयालम में 'केरलम' कहा जाता है और मलयालम भाषी लोगों के लिए एक केरल बनाने की मांग आजादी की लड़ाई के समय से ही चली आ रही है.






‘केरलम’ क्यों करना चाहती है राज्य सरकार?


सीएम विजयन ने कहना है कि संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है. ऐसे में केरल विधानसभा, केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत इसे 'केरलम' के रूप में बदलने लिए तत्काल कदम उठाए और संविधान की आठवीं अनुसूची में लिखित सभी भाषाओं में इसका नाम बदलकर 'केरलम' कर दिया जाए.


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