Kerala Blast: केरल के कोच्चि में कंवेंशन सेंटर में हुए धमाके को लेकर फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने बड़ा खुलासा किया है. फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने बताया है कि धमाके के लिए खराब श्रेणी के विस्फोटक और पेट्रोल से बने कच्चे बम का इस्तेमाल किया गया. बम में 400-500 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन के जरिए विस्फोट किया गया. इन नतीजों की जानकारी केरल पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एएनआई को दे दी गई है.
ईसाइयों की एक प्रार्थना सभा के दौरान हुए धमाके की वजह से अभी तक तीन लोगों की मौत हुई है. धमाके के कुछ घंटे बाद डॉमिनिक मार्टिन नाम के एक शख्स ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. उसने बकायदा इस हमले के लिए जिम्मेदारी ली. फिलहाल जांच एजेंसियां डॉमिनिक से पूछताछ कर रही हैं. जिस वक्त इस धमाके को अंजाम दिया गया, उस वक्त कंवेंशन सेंटर में प्रार्थना के लिए 2000 से ज्यादा लोग मौजूद थे.
किस तरह दिया धमाके को अंजाम?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, धमाके वाली जगह का विश्लेषण करने से पता चला है कि डॉमिनिक मार्टिन ने बम को तैयार करने के लिए पटाखों की खराब क्वालिटी वाले विस्फोटक और लगभग 7-8 लीटर पेट्रोल का इस्तेमाल किया. बम में धमाके के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया. रेडियो फ्रीक्वेंसी के लिए डॉमिनिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया. उसने 400 से 500 मीटर के दायरे से मोबाइल पर कमांड दी.
एक काउंटर टेररिज्म अधिकारी ने बताया कि धमाके के लिए सुतली बम का इस्तेमाल किया गया. इसे बनाने के लिए पटाखों के विस्फोटकों और पेट्रोल का इस्तेमाल हुआ, ताकि इसे ऐसे डिवाइस में तब्दील किया जा सके, जो तुरंत आग लगा दे. उन्होंने बताया कि डॉमिनिक का मकसद कंवेंशन सेंटर में आग लगाकर ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना था.
उन्होंने आगे बताया कि मोबाइल फोन के जरिए किए गए कॉल ने रेडियो-फ्रीक्वेंसी ट्रिगर सिस्टम के तौर पर काम किया. लेकिन इस तरह के डिवाइस की रेंज कम होती है. इस वजह से मार्टिन को वहीं रहने पड़ा, ताकि वह कॉल करे और फिर इलेक्ट्रिक चार्ज और ट्रिगर पूरा हो. जब उसने ऐसा किया, तो धमाका हुआ. अधिकारी ने बताया कि मार्टिन ने बम बनाना इंटरनेट से सीखा था.
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