Kerala Boat Tragedy: 'केरल नाव हादसा लालच और लापरवाही का नतीजा', हाईकोर्ट के जस्टिस हुए भावुक, घटना को बताया भयावह
Kerala Boat Tragedy Update: केरल में 7 मई की रात को मलप्पुरम जिले में एक हाउसबोट डूबने से 22 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के वक्त नाव में 25 से ज्यादा लोग सवार थे.
High Court On Kerala Boat Tragedy: केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार (9 मई) को मलप्पुरम जिले के तानुर इलाके में नाव दुर्घटना पर हैरानी जताते हुए इसे सदमे में डालने वाला और भयावह बताया है. रविवार (7 मई) की देर शाम हुए इस हादसे में 15 बच्चों समेत 22 लोगों की जान चली गई. कोर्ट ने ये पता लगाने के लिए मामले का स्वत: संज्ञान लिया है कि आखिर क्यों अधिकारियों ने कथित रूप से नियमों की अनदेखी कर नाव को संचालित करने की अनुमति दी.
हाई कोर्ट ने मलप्पुरम जिला कलेक्टर को 12 मई को एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया. कोर्ट ने क्षेत्र के प्रभारी बंदरगाह अधिकारी की डिटेल्स भी मांगी है. साथ ही घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ निष्क्रियता के लिए केरल सरकार की भी आलोचना की. कोर्ट ने पूछा, "उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई."
कोर्ट में किसने क्या कहा?
जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस शोभा अन्नम्मा एपेन की पीठ ने कहा कि उनका दिल रो रहा था और बेजान बच्चों को देखने के बाद उनकी रातों की नींद उड़ गई थी. कोर्ट ने कहा कि यह दुर्घटना निष्ठुरता, लालच और अधिकारियों की उदासीनता का घातक परिणाम है. कोर्ट ने कहा कि वह ये सुनिश्चित करने के लिए याचिका दायर कर रही है कि ऐसी घटना दोबारा न हो. ये पहली बार नहीं है. जब भी इस तरह की कोई घटना होती है तो कुछ जांच या सिफारिशें होती हैं. सब कुछ भुला दिया जाता है. ये फिर से हो रहा है, लोग मर जाते हैं.
'इतनी मौतें देखना चौंकाने वाला'
पीठ ने आगे कहा कि हमारे पास पूरी जानकारी नहीं है. हम कार्रवाई शुरू करने का प्रस्ताव कर रहे हैं. कुछ अपराध दर्ज हैं. इस मामले में भी ऐसा किया गया है, लेकिन कोई भी ऑपरेटर यह सब अपने दम पर नहीं कर सकता. यह सब इसलिए है, क्योंकि कुछ समर्थन प्राप्त होता है या तो जानबूझकर या अन्यथा. हमें समस्या की तह तक जाने की जरूरत है. इतनी मौतें देखना चौंकाने वाला है और वह भी केरल जैसे राज्य में. उस क्षेत्र में बंदरगाह अधिकारी कौन है.
1924 में हुई घटना का किया जिक्र
कोर्ट ने कहा कि 1924 के बाद से नियमित अंतराल पर राज्य में इस तरह की नौका त्रासदी हो रही है, जो डराने वाली है. 1924 में कोल्लम से कोट्टायम जाने वाली एक नाव के पलटने से केरल ने महाकवि कुमारनासन को खो दिया था, जो केरल के जाने माने कवियों में से एक थे. बता दें कि, नाव रविवार को शाम करीब साढ़े सात बजे थूवलथीरम तट के निकट डूब गई थी. अधिकारियों के अनुसार, हादसे में मारे गए लोगों में से 15 नाबालिग हैं जिनकी उम्र आठ महीने से लेकर 17 वर्ष तक है और बताया गया था कि नौका में 37 लोग सवार थे.
ये भी पढ़ें: