Kerala: केरल में मुवत्तुपुझा के पास एक चर्च के कॉलेज परिसर के अंदर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दिए जाने के विरोध में छात्रों के एक वर्ग ने प्रदर्शन किया, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी और कैथोलिक चर्च के संगठनों ने नमाज की अनुमति नहीं दिए जाने के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन पर ऐतराज जताया है.


शुक्रवार को छात्रों के एक वर्ग ने निर्मला कॉलेज के अंदर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने कुछ छात्राओं को संस्थान के एक कमरे के अंदर शुक्रवार को नमाज अदा करने से रोका था. कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में विरोध प्रदर्शन के वीडियो में छात्रों ने दावा किया है कि कई दिनों तक ऑफिस के कर्मचारियों ने उन्हें नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी और प्रिंसिपल से माफी की मांग की.


इस घटना की बीजेपी ने आलोचना की और दावा किया कि कुछ लोग हिंदू और ईसाई समुदायों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों में समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया, ‘‘कुछ लोग नमाज अदा करने की अनुमति न देने के लिए कॉलेज के प्रिंसिपल को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह की हरकतों के पीछे चरमपंथी लोग हैं.’’ उन्होंने दावा किया कि ऐसे लोगों को वामपंथी और कांग्रेस पार्टियों का समर्थन प्राप्त है.


इस बीच, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के छात्र संगठन एसएफआई ने कहा कि संघ परिवार के संगठन परिसर के अंदर हुए विरोध प्रदर्शन के लिए उसे दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं. एसएफआई के प्रदेश सचिव पी एम अर्शो ने कहा कि संगठन किसी भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था, जैसा कि बीजेपी ने आरोप लगाया है.


कोई मुस्लिम कॉलेज हिंदुओं-ईसाइयों को कमरा देगा क्या?


सिरो-मालाबार चर्च से संबद्धित कैथोलिक कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि ऐसी विभाजनकारी ताकतों को उखाड़ फेंका जाना चाहिए. बीजेपी नेता पी सी जॉर्ज ने कॉलेज के अंदर हुए प्रदर्शन को निंदनीय बताया. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या कोई मुस्लिम कॉलेज हिंदुओं या ईसाइयों को प्रार्थना करने के लिए कमरे देगा?’’


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